Bihar News:बिहार के गोपालगंज के डीएम जी. कृष्णैया हत्याकांड में सजायाफ्ता पूर्व सांसद आनंद मोहन (Anand Mohan)15 दिन की पैरोल पर जेल से बाहर आए हैं. बेटी की इंगेजमेंट और बुजुर्ग मां के खराब स्वास्थ्य के कारण उन्हें 15 दिन की पैरोल मिली है. जेल से निकलने की सूचना मिलते ही भारी संख्या में उनके समर्थक जेल के बाहर पहुंचे थे।शुक्रवार लगभग साढ़े बारह बजे पूर्व सांसद मंडल कारा के गेट से निकलते ही समर्थकों में उत्साह भर गया. हालांकि सभी समर्थक संयम और शांत होकर आनंद मोहन(Anand Mohan) की अगुवानी में लगे थे.
मालूम हो कि आनंद मोहन (Anand Mohan)बीते तीन दिनों से पैरोल की स्वीकृति मिलने के बाद भी कागजी प्रक्रिया कानूनन रूप से पूरी नहीं होने के कारण बाहर नहीं निकल पा रहे थे. बताते चलें कि पूर्व सांसद की बेटी का इंगेजमेंट व बूढ़ी बीमार मां से मिलने की गुहार लगा पैरोल की सिफारिश की गई थी. पूर्व सांसद के किए गए सिफारिश पर बिहार सरकार जेल आईजी द्वारा भी पैरोल की स्वीकृति दे दी गई थी.जिलाधिकारी आनंद शर्मा (Anand Sharma)ने पैरोल स्वीकृत होने की पुष्टि कर दी थी.
इधर पूर्व सांसद के मंडल कारा से बाहर निकलने की खबर को लेकर उनके समर्थकों के बीच अपने नेता के दीदार को लेकर जबरदस्त उत्साह देखने को मिल रहा है. बीते 3 दिनों से उनके समर्थक अपने नेता के दीदार को लेकर दफ्तर से लेकर घर व मंडल कारा तक भीड़ लगाए हुए थे. लेकिन शुक्रवार को उनकी हसरत पूरी हुई. जेल से बाहर आने के बाद आनंद मोहन ने बताया कि पारिवारिक आयोजन और मां से मिलने के लिए पैरोल पर आए हैं.
कोसी की धरती पर पैदा हुए आनंद मोहन (Anand Mohan) बिहार के सहरसा जिले के पचगछिया गांव के रहने वाले हैं. उनके दादा राम बहादुर सिंह एक स्वतंत्रता सेनानी थे. राजनीति से उनका परिचय 1974 में लोकनायक जयप्रकाश नारायण के संपूर्ण क्रांति आंदोलन के दौरान हुआ. इसके लिए उन्होंने अपना कॉलेज तक छोड़ दिया. इमरजेंसी के दौरान उन्हें 2 साल जेल में भी रहना पड़ा. कहा जाता है कि आनंद मोहन सिंह ने 17 साल की उम्र में ही अपना सियासी करियर शुरू कर दिया था.