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‘भारत जोड़ो यात्रा’ : BJP के गढ़ में राहुल गांधी को मिला बहन प्रियंका गांधी वाड्रा का साथ

खंडवा: कांग्रेस की भारत जोड़ो यात्रा इन दिनों काफी सुर्खियों में है. इस यात्रा की अगुवाई खुद राहुल गांधी कर रहे हैं. उनके साथ इस यात्रा में उनकी बहन प्रियंका गांधी वाड्रा भी शामिल हुईं. ये यात्रा महाराष्ट्र से निकलकर इस वक्त मध्य प्रदेश के पड़ाव पर है. गांधी परिवार के नेतृत्व में कांग्रेस समर्थकों ने खंडवा के बोरगांव से मार्च की शुरुआत की. राहुल और प्रियंका खरगोन जाने से पहले स्वतंत्रता सेनानी और आदिवासी आइकन टंटिया भील की जन्मस्थली का दौरा करेंगे.राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा का मध्य प्रदेश में आज दूसरा दिन है. खंडवा से शुरू हुई इस यात्रा में प्रियंका गांधी भी शामिल हुई हैं. रॉबर्ट वाड्रा भी प्रियंका के साथ हैं. वहीं मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ और सचिन पायलट भी यात्रा में साथ चल रहे हैं, समर्थकों की भी भारी भीड़ है. आज ये यात्रा 23 किलोमीटर तक चलेगी. राहुल  गांधी रास्ते में रुस्तमपुर से टंट्या भील की जन्मस्थली जाएंगे और वहां एक जनसभा भी होगी. मध्य प्रदेश में यात्रा 12 दिन में 6 ज़िलों से होती हुई 4 दिसंबर को राजस्थान पहुंचेगी.

 

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मध्य प्रदेश में इस यात्रा के दूसरे दिन राहुल ने खंडवा जिले के बोरगांव से पैदल चलना प्रारंभ किया. यात्रा में प्रियंका के साथ उनके पति रॉबर्ट वाड्रा और बेटे रेहान भी पैदल चलते दिखाई दिए. राहुल जब पदयात्रा पर निकलते हैं तो सड़क के दोनों ओर पुलिस कर्मी उनकी सुरक्षा के लिए रस्सियों का सुरक्षा घेरा बनाकर साथ चलते हैं. प्रियंका के यात्रा में शामिल होने के बाद कांग्रेस के उत्साहित कार्यकर्ता भाई-बहन के समर्थन में नारेबाजी करते हुए उनके करीब आने की बार-बार कोशिश करते दिखाई दिए.इस दौरान उन्हें सुरक्षित घेरे से दूर करने के लिए पुलिस कर्मियों को अतिरिक्त मशक्कत करनी पड़ी. बहरहाल, सूर्योदय के बाद जब बोरगांव से यात्रा ने मध्य प्रदेश में अपने दूसरे दिन में प्रवेश किया तो पहले दिन के मुकाबले भीड़ कम नजर आई, लेकिन दिन चढ़ने के साथ ही इसमें लोगों और गाड़ियों का काफिला बढ़ता गया. इस बीच, राजस्थान के पूर्व उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट भी यात्रा में राहुल और प्रियंका के साथ कदमताल करते दिखाई दिए.

गौरतलब है कि राहुल नीत ‘भारत जोड़ो यात्रा’ मध्य प्रदेश में 380 किलोमीटर का फासला तय करने के बाद चार दिसंबर को राजस्थान में प्रवेश करेगी. पायलट पड़ोसी मध्य प्रदेश में ऐसे समय में यात्रा में शामिल हुए, जब यात्रा के राजस्थान पहुंचने से पहले इस कांग्रेस शासित राज्य में नेतृत्व में बदलाव की मांग एक फिर जोर पकड़ने लगी है. पूर्व उप मुख्यमंत्री के समर्थकों ने मुख्यमंत्री पद के लिए उनके नाम को लेकर दबाव बनाना शुरू कर दिया है.

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