पटना. एनडीए गठबंधन से अलग होकर महागठबंधन के साथ सरकार बनाने वाली जनता दल यूनाइटेड अब आगामी लोकसभा और विधानसभा चुनाव के मद्दे नज़र सक्रिय हो गयी है।इस सिलसिले में पार्टी अपने कैडर के साथ वोट बैंक को साधने की दिशा में काम कर रही है।वर्ष 2024 के लोकसभा चुनाव और वर्ष 2025 के बिहार विधानसभा चुनाव के पूर्व राज्य में जदयू संगठन को सशक्त करने के लिए पार्टी बड़े स्तर पर फेरबदल से गुजर रही है. इस बदलाव में अब जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह और प्रदेश अध्यक्ष उमेश कुशवाहा के भविष्य को लेकर भी फैसला होगा. जदयू के नए बिहार प्रदेश अध्यक्ष का चुनाव 27 नवंबर को होना है. इसके लिए 26 नवंबर को नामांकन की प्रक्रिया होगी और अगले दिन नए प्रदेश का चुनाव होना है. जदयू के लिए नए प्रदेश अध्यक्ष का चुनाव आने वाले दो प्रमुख चुनावों को लेकर बेहद अहम होगा, ऐसे पार्टी किसी ऐसे चेहरे को सामने ला सकती है जिसका सांगठनिक कौशल पार्टी को आने वाले समय की चुनौतियों से निपटने में मदद करे.
इससे पहले बिहार के 42 जिलाध्यक्ष की नियुक्ति भी पूरी हो गयी है।अब जदयू में नए प्रदेश अध्यक्ष के लिए कई चेहरों की चर्चा है. सूत्रों के अनुसार इसमें मौजूदा प्रदेश अध्यक्ष उमेश कुशवाहा भी शामिल हैं. पार्टी उन्हें एक बार फिर से मौजूदा जिम्मेदारी को आगे बढ़ाने का मौका दे सकती लेकिन इसमें कई पेंच है जिससे निपटने के लिए पार्टी काफी सोच समझकर आगे बढ़ेगी. वहीं जातीय समीकरण से लेकर हर तरह से पार्टी एक ऐसे चेहरे को अपनी पार्टी में प्रदेश का कमान देना चाहती है जो संगठन के साथ-साथ रणनीति पर भी भरपूर काम कर सके।
नए प्रदेश अध्यक्ष के लिए तमाम समीकरणों का खास ध्यान रखा जा रहा है।जाति से लेकर संगठन चलाने की क्षमता तक के पैमाने पर उम्मीदवारों को तौला जा रहा है।सूत्रों के अनुसार मौजूदा समय में जदयू में कुछ प्रमुख पदों पर जो चेहरे कमान संभाल रहे हैं उसमें भी जातीय समीकरण बेहद अहम है. बिहार के मुख्यमंत्री की कमान संभाल रहे नीतीश कुमार कुर्मी जाति से आते हैं. वहीं राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह की जाति भूमिहार है. प्रदेश अध्यक्ष उमेश कुशवाहा और संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा दोनों ही जाति से कुशवाहा हैं. ऐसे में जदयू के कोर वोट बैंक के रूप में जिन जातियों को देखा जाता है उसमें नीतीश कुमार शुरू से लव-कुश समीकरण यानी कुर्मी-कुशवाहा-कोयरी गठजोड़ पर विश्वास करते दिखे हैं. वहीं लम्बे समय तक भूमिहार जाति का बड़ा समर्थन भी नीतीश कुमार को मिला है. माना जाता है कि यही कारण है पार्टी ने प्रमुख पदों पर कुर्मी, कुशवाहा और भूमिहार को अहम जिम्मेदारी दे रखी है. इस बार भी नए प्रदेश अध्यक्ष के चुनाव के दौरान इन समीकरणों को देखकर नए अध्यक्ष के नाम पर मुहर लगे.
जदयू का संगठन चुनाव जारी
पिछले साल JDU के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष वशिष्ठ नारायण सिंह के स्वास्थ्य की समस्याओं को लेकर नए प्रदेश अध्यक्ष के तौर पर उमेश कुशवाहा को कमान सौंपी गई थी। वशिष्ठ नारायण सिंह और उमेश कुशवाहा को मिलाकर उनका कार्यकाल पूरा कर लिया गया है। अब जदयू में सांगठनिक चुनाव की घोषणा की गई।नवंबर महीने में ही प्रदेश अध्यक्ष का चुनाव संपन्न कराया जाएगा।वहीं, दिसंबर में राष्ट्रीय अध्यक्ष का चुनाव होगा और राष्ट्रीय परिषद की बैठक भी होगी। खुला अधिवेशन 10 दिसंबर और 11 दिसंबर को होगा। राष्ट्रीय अध्यक्ष का चुनाव दिल्ली में संपन्न होगा। जदयू ने राज्य निर्वाचन पदाधिकारी जनार्दन प्रसाद को बनाया गया है।
दूसरी पार्टियों को भी प्रदेश अध्यक्ष की तलाश
बिहार की राजनीति लगातार बदलती रहती है। अब इसी दौरान बिहार की सभी प्रमुख पार्टियों के प्रदेश अध्यक्ष का बदलाव हो जाएगा। सभी पार्टियों में संगठन चुनाव चल रहे हैं। इस साल के अंत तक बिहार BJP, JDU, RJD और बिहार कांग्रेस को नए प्रदेश अध्यक्ष मिल जाएंगे।इन सभी पार्टियों के नए प्रदेश अध्यक्ष के नेतृत्व में लोकसभा 2024 चुनाव और बिहार विधानसभा 2025 का चुनाव संपन्न कराया जाएगा। इसको लेकर पार्टियों में मंथन का दौर जारी है। जातीय समीकरण से लेकर हर तरह से पार्टी एक ऐसे चेहरे को अपनी पार्टी में प्रदेश का कमान देना चाहती है जो संगठन के साथ-साथ रणनीति पर भी भरपूर काम कर सके।
जदयू में चल रहा संगठन चुनाव
पिछले साल JDU के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष वशिष्ठ नारायण सिंह के स्वास्थ्य की समस्याओं को लेकर नए प्रदेश अध्यक्ष के तौर पर उमेश कुशवाहा को कमान सौंपी गई थी। वशिष्ठ नारायण सिंह और उमेश कुशवाहा को मिलाकर उनका कार्यकाल पूरा कर लिया गया है। अब जदयू में सांगठनिक चुनाव की घोषणा की गई। 13 नवंबर से पंचायत स्तर का चुनाव शुरू हो जाएगा। नवंबर महीने में ही प्रदेश अध्यक्ष का चुनाव संपन्न कराया जाएगा।वहीं, दिसंबर में राष्ट्रीय अध्यक्ष का चुनाव होगा और राष्ट्रीय परिषद की बैठक भी होगी। खुला अधिवेशन 10 दिसंबर और 11 दिसंबर को होगा। राष्ट्रीय अध्यक्ष का चुनाव दिल्ली में संपन्न होगा। जदयू ने राज्य निर्वाचन पदाधिकारी जनार्दन प्रसाद को बनाया है।
बीजेपी में भी नए चेहरे की तलाश
बिहार बीजेपी में भी नए प्रदेश अध्यक्ष को लेकर तैयारी शुरू हो गई है। वर्तमान प्रदेश अध्यक्ष संजय जायसवाल का कार्यकाल पूरा हो गया है। इस महीने से लेकर अगले महीने तक संगठन का चुनाव करा लिया जाएगा और इसी बीच नए प्रदेश अध्यक्ष की घोषणा कर दी जाएगी। बीजेपी ऐसे चेहरे को प्रदेश अध्यक्ष के तौर पर लाना चाहती है जो जातीय समीकरण के साथ-साथ संगठन पर भी मजबूत पकड़ रखता हो। इस फेहरिस्त में कई नामों पर चर्चा भी शुरू हो चुकी है।
बिहार कांग्रेस के मदन मोहन झा एक्सटेंशन पर
कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष के चुनाव के बाद अब बिहार में नए प्रदेश अध्यक्ष को लेकर कवायद शुरू की गई है। फिलहाल बहस इस बात को लेकर चल रही थी कि प्रदेश अध्यक्ष को लेकर चुनाव कराया जाए या नहीं। लेकिन, बताया जा रहा है कि कांग्रेस के जो डेलीगेट मेंबर होते हैं, वह नए प्रदेश अध्यक्ष का चयन करते हैं और कुछ नामों को कांग्रेस आलाकमान के पास भेज दिया जाता है। उसमें से एक नाम पर मुहर लगती है। यह सभी डेलीगेट मेंबर लोकतांत्रिक तरीके से चुने गए होते हैं और माना जाता है कि प्रदेश अध्यक्ष को भी लोकतांत्रिक तरीके से ही चयन किया जाता है। सूत्रों की मानें तो इस महीने के अंत तक या अगले महीने की शुरुआत तक कांग्रेस नए प्रदेश अध्यक्ष की घोषणा कर देगी।