संजू सैमसन के चयन को लेकर लगातार सवाल खड़े हो रहे हैं. उन्हें टीम में लिया जाता है, लेकिन सही से मौके नहीं मिलते हैं. अब जब वनडे वर्ल्ड कप में सिर्फ 10 महीने बाकी हैं, तब क्या वह वनडे पूल में नज़र आते हैं इस पर बहस छिड़ी है.
टी-20 वर्ल्ड कप 2022 खत्म हुआ और अब वनडे वर्ल्ड कप 2023 की तैयारियां भी शुरू हो गई हैं. अक्टूबर-नवंबर 2023 में भारत में ही वनडे वर्ल्ड कप खेला जाना है… ऐसे में भारतीय टीम के पास मौका है कि वह साल 2013 से चल रहे आईसीसी ट्रॉफी के सूखे को खत्म करे और घर में खिताब जीत ले. लेकिन तैयारियों पर सवाल खड़े हो रहे हैं और फिर से खिलाड़ियों का चयन निशाने पर है.
न्यूजीलैंड दौरे पर वनडे सीरीज में जिस तरह विकेटकीपर बल्लेबाज संजू सैमसन को नज़रअंदाज किया गया, या इस सीरीज से पहले भी उनको कम मौके देना या स्क्वॉड में शामिल होने जैसी बातें हुईं इसपर कई तरह की बहस छिड़ी रही. कई पूर्व क्रिकेटर्स, फैन्स और अन्य एक्सपर्ट्स ने संजू सैमसन के साथ नाइंसाफी होने की बात कही
अब जब न्यूजीलैंड के खिलाफ वनडे सीरीज में टीम कॉम्बिनेशन का हवाला देकर संजू सैमसन को ड्रॉप किया गया, तब यह बहस छिड़ी क्या वनडे वर्ल्ड कप की तैयारियों को देखते हुए संजू सैमसन का वनडे टीम के पूल में बने रहना जरूरी है. संजू सैमसन के पक्ष और विपक्ष में क्या बातें जाती हैं, समझिए…
संजू सैमसन के पक्ष में क्या?
ऋषभ पंत की खराब फॉर्म, वनडे टीम में एक अनुभवी खिलाड़ी की जरूरत संजू सैमसन के पक्ष में जाती हैं. एक दाएं हाथ का बल्लेबाज अगर मिडिल ऑर्डर या ऊपरी क्रम में आता है, तो टीम के लिए फायदेमंद हो सकता है. संजू सैमसन भी ऋषभ की तरह आईपीएल में कप्तानी करते हैं और अनुभवी खिलाड़ी हैं अभी तक संजू को जितने मौके मिले, उनमें वह अच्छा प्रदर्शन करते रहे हैं हालांकि कोई बड़ी इम्पैक्टफुल पारी खेलने में वह चूके हैं.
• संजू सैमसन का वनडे रिकॉर्ड: 11 मैच, 10 पारियां, 330 रन, 66 औसत
• वनडे में संजू सैमसन की पारियां: 46, 12, 54, 6*, 43*, 15, 86*, 30*, 2*, 36
संजू सैमसन के विपक्ष में क्या?
बड़े क्रिकेटर्स की भरमार ही इस वक्त टीम इंडिया के लिए सबसे बड़ी चिंता है. न्यूजीलैंड दौरे का ही उदाहरण लें तो सीनियर खिलाड़ियों के ब्रेक पर जाने के बाद भी टीम के पास इतने ऑप्शन हैं कि प्लेइंग-11 चुनना मुश्किल हो रहा है. ऋषभ पंत बाएं हाथ के बल्लेबाज हैं, जो मिडिल ऑर्डर के साथ-साथ ओपनिंग का ऑप्शन देते हैं और बल्लेबाजी क्रम में एक बाएं हाथ का बल्लेबाज भी आ जाता है.
टीम इंडिया लगातार ऋषभ पंत को भविष्य के लीडर के तौर पर ग्रूम कर रही है, ऐसे में उन्हें मौके दिए जा रहे हैं. यही वजह है कि संजू सैमसन को कम चांस मिल रहा है, साथ ही अगर वह सिर्फ बतौर बल्लेबाज खेलते हैं तो बॉलिंग ऑप्शन के कॉम्बिनेशन के नाम पर प्लेइंग-11 से बाहर होना पड़ता है.
वर्ल्ड कप को मद्देनज़र रखते हुए अगर टीम को देखें तो संजू सैमसन का प्लेइंग-11 में फिट बैठना काफी मुश्किल दिखता है. सभी सीनियर प्लेयर टीम में वापस आएं तो रोहित-राहुल की ओपनिंग जोड़ी के बाद शिखर धवन, विराट कोहली मिडिल में आएंगे. इसके बाद सूर्यकुमार यादव, श्रेयस अय्यर, ऋषभ पंत, हार्दिक पंड्या, रवींद्र
डेजा जैसे ऑप्शन हैं. अगर संजू को फिट होना है तो श्रेयस या ऋषभ की जगह ही उन्हें मौका मिल सकता है.