नई दिल्ली:अपने शुरुआती दौर से ही चर्चा का विषय रहे कोरोना वायरस के बारे में चीन में वुहान इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी में काम करने वाले अमेरिका के एक शोधकर्ता द्वारा सनसनीखेज खुलासा किया गया है।इंडिया टुडे ने न्यूयार्क टाइम्स के हवाले से ख़बर दी है कि न्यूयॉर्क स्थित एक गैर-लाभकारी संस्था के लिए काम करने वाले एंड्रयू हफ,जिन्होंने वायरस का अध्ययन किया, ने दावा किया कि कोविड -19 एक ‘मानव निर्मित वायरस’ था।
हफ ने यह भी दावा किया कि कोविड दो साल पहले चीन में वुहान इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी से लीक हुआ था और इसे ‘9/11 के बाद से सबसे बड़ी अमेरिकी खुफिया विफलता’ बताया। के लिए अधिकारियों को दोषी ठहराया। एंड्रयू हफ ने अपनी नई किताब ‘द ट्रुथ अबाउट वुहान’ में दावा किया है कि यह महामारी अमेरिकी सरकार द्वारा चीन में कोरोनावायरस को दी जाने वाली फंडिंग के कारण हुई है।
लैब से लीक हुआ वायरस
न्यूयॉर्क पोस्ट की रिपोर्ट के मुताबिक, हफ का कहना है कि वैज्ञानिकों द्वारा बनाया गया कोरोना वायरस वुहान इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी (WIV) से लीक हुआ था। इस लैब को चीनी सरकार फंड करती है। हफ का दावा है कि सुरक्षा में चूक होने की वजह से वायरस लीक हुआ, जिसके बाद महज कुछ दिनों में यह पूरी दुनिया में फैल गया।
बता दें कि कोरोना महामारी की शुरुआत से ही वुहान लैब से कोरोना लीक होने की कई थ्योरी आ चुकी हैं। यहां काम करने वाले रिसर्चर्स विशेष रूप से कोरोना वायरस की प्रजातियों को स्टडी करते हैं। ऐसे में किसी वैज्ञानिक के जरिए इसका संक्रमण फैलने की आशंका है। हालांकि हमेशा से ही चीनी सरकार और वुहान लैब ने इन आरोपों को खारिज किया है।