पटना:बिहार सरस मेला समापन में महज 5 दिन शेष हैं l 15 दिसंबर से शुरू हुए सरस मेला का समापन 29 दिसंबर को होना है l लिहाजा मेला और मेला के उत्पादों के कद्रद्रान खूब खरीददारी कर रहे हैं l शनिवार को हुई रिमझिम बारिश भी खरीददारी में बाधक नहीं बनी l एक लाख से ज्यादा लोग आये और जमकर खरीदारी की l खरीददारी के बाद फ़ूड जोन में विभिन्न स्टॉल और जीविका दीदियों द्वारा संचालित दीदी की रसोई स्टॉल पर भो आगंतुकों ने देशी व्यंजनों का स्वाद चखा l
15 दिवसीय बिहार सरस मेला , जीविका( ग्रामीण विकास विभाग , बिहार सरकार) द्वारा गाँधी मैदान में आयोजित है l ग्राम शिल्प और उत्पाद के प्रति आगंतुकों का क्रेज ही है कि सरस मेला नित प्रगति की और अग्रसर है l महज 9 दिनों में खरीद-बिक्री का आंकड़ा लगभग 8 करोड़ 45 लाख रूपया पहुँच गया है l शुक्रवार 23 दिसंबर को 1 करोड़ 12 लाख 90 हजार रुपये के उत्पादों एवं व्यंजनों की खरीद-बिक्री हुई l खरीद-बिक्री का यह आंकड़ा स्टॉल धारकों से लिए गए आकंड़ो पर आधारित होता है l खरीद-बिक्री के साथ ही आगंतुकों की संख्या में नित इजाफा हो रहा है l मेला के दसवें दिन बारिश के वावजूद सवा लाख से ज्यादा लोग आये l
मेला परिसर में ग्रामीण शिल्प और उत्पाद के बीच ऐसे भी उत्पाद हैं जो जीविका दीदियों के बढ़ते कदम की दास्ताँ बता रहे हैं lअपने हुनर को बाज़ार से जोड़कर स्वावलंबन और महिला सशक्तिकरण की राह आसान की है l ग्रामीण शिल्प और उत्पाद को सम्मान एवं बाज़ार देने के बाद जीविका दीदियाँ सस्ती और स्वच्छ उर्जा के तहत सौर उर्जा से संचालित सोलर स्टडी लैम्प,बल्ब, इमरजेंसी लैम्प , जुगनू लाइट, एल.डी.सी. फैन, चूल्हा आदि बना रही हैं l इन उत्पादों को लेकर गया जिला के डोभी से आई कान्ति देवी जे-वायर्स के स्टॉल पर उपस्थित हैं l स्टॉल पर इन उत्पादों की बिक्री भी हो रही है l जीविका दीदियों को सोलर स्टडी लैम्प,बल्ब, इमरजेंसी लैम्प , जुगनू लाइट, एल.डी.सी. फैन और चूल्हा आदि के र्निर्माण की प्रक्रिया का प्रशिक्षण आई.आई.टी.मुंबई और वर्कले विश्वविद्यालय के विशेषज्ञों ने दी है l प्रारंभिक दौर 2017 में सौर्य उर्जा से संचालित सोलर स्टडी लैम्प का निर्माण कर उसका वितरण गया जिला के सभी प्रखंडो के स्कूलों में प्रति छात्र- छात्रा सौ रुपये की दर से बेचीं गई l प्रति प्रखंड 40 हजार बिक्री के लक्ष्य को पूरा करने के बाद अन्य उत्पादों की निर्माण एवं पैकेजिंग की गई l जे, वायर्स में बने अब उत्पादों को लेकर कान्ति देवी राज्य और देश के प्रान्तों में भी प्रदर्शनी सह बिक्री के लिए जाती हैं l कान्ति बताती हैं कि इस कार्य में 25 जीविका दीदियाँ लगी हुई हैं l 12 दीदियाँ निर्माण एवं पैकेजिंग में, 12 दीदियाँ बिक्री एवं वितरण में तह एक दीदी प्रबंधन में लगी हुई हैं l
सेमिनार हॉल में लैंगिक हिंसा को रोकने के उद्देश्य से चलाई गई नई चेतना अभियान पर चर्चा हुई l इस सेमिनार में संदीप कुमार ओझा, राज्य हेड-सी-3 और नीरज कुमार सिंह, प्रोजेक्ट मैनेजर, जीविका ने नई चेतना अभियान के महत्व पर चर्चा की और लैंगिक हिंसा को रोकने के लिए सभी से जागरूक रहने को कहा l इस सेमिनार में समाज मे हो रहे भेद भाव एवं हिंसा पर बात की गई एवं नई चेतना अभियान के तहत चल रहे सांझा शक्ति केंद्र जो अभियान को सफल बनाने को कारगर बनाने की पहलूवों पर चर्चा हुई lमहिला बाल विकास निगम के तत्वाधान में ग्रामीण लोक सेवा के कलाकारों ने लघु नुक्कड़ नाटक की प्रस्तुति की l नाटक दहेज़ प्रथा एवं बाल विवाह उन्मूलन तथा घरेलु हिंसा एवं यौन शोषण विषय पर आधारित था l कलाकारों में हौबिनस, दिनेश, संजय, रोहन, राधा, विजय, अमित, प्रेम, राम शकल, एवं शालिनी रहे l
सांस्कृतिक मंच पर दोपहर में नव भारती सेवा समिति के तावाधन में हास्य कवी सम्मलेन का आयोजन किया l मंचासीन कवियों ने सम सम सामयिक मुद्दों पर अपने हास्य-व्यंग्य से दशकों को समाज के प्रति जागरूक किया l तत्पश्चात रंग संस्था मुस्कान के लोक कलाकारों ने लोक गीतों और गजल तथा सूफी गायन की प्रस्तुति की l कलाकारों में शिवम एवं गुडिया गिरी ने लोक गीत और गजल की प्रस्तुति दी l इससे पूर्व सांस्कृतिक मंच पर 12 वर्ष से लेकर 40 वर्ष के उम्र के कलाकारों ने अपनी प्रस्तुति से दर्शकों को मंत्रमुग्ध लिया l जैक गिटार क्लासेस के कलाकारों ने गिटार की धुन पर पुराने गानों की प्रस्तुति की l पुराने गानों और आधुनिक वाद्य यंत्रों का समावेशन देखते ही बन रहा था l कलकारों ने लोक गीतों और 90 के दशक के गाँव को पिरोकर नए अंदाज में पेश किया l “कौन दिशा में ले के चला रे बटोहिया , जयकारा , मेला दिलों का आता है , किसी की मुस्कुराहटों पर हो निसार और राम जी से पूछे जनकपुर के नारी” जैसे गीत अपने मूल के साथ आधुनिक वाद्य यंत्रों के समावेशन के साथ पेश की गई l दर्शकों ने खूब सराहा l कलाकारों में आलोक , हर्ष, अंकेश, तेजस, और सफी कायना गिटार से मधुर धुन सुना रहे थे वही सुहानी, आरती, ईशा, साक्षी एवं आद्या ने पुराने गीतों को अपना स्वर दिया l
सरस मेला में कैशलेश खरीददारी की भी व्यवस्था पूर्व की तरह की गई है l इसके साथ ही जीविका दीदियों द्वारा संचालित ग्राहक सेवा केंद्र से रुपये की जमा-निकासी जारी है l सरकारी एवं गैर सरकारी विभागों के विभिन्न स्टॉल पर आगंतुक सरकार द्वारा संचालित योजनाओं से रूबरू हो रहे हैं l फ़ूड जोन और दीदी की रसोई के स्टॉल पर आगंतुक देशी व्यंजनों का लुत्फ़ उठा रहे हैं l फन जोन, पालना घर, सेल्फी जोन एवं बाइस्कोप आकर्षण के खास केंद्र बने हुए हैं l