अविनाश दास
प्रेमकुमार मणि जी की पोस्ट से पता चला कि कथाकार शमोएल अहमद गुज़र गये। थोड़ी-थोड़ी-सी मुलाक़ातों का हमारा रिश्ता था। पनचानवे या छियानवे में दैनिक आज के रविवार के अंक में उनकी कहानी छपी थी, सिंगारदान।उन दिनों हम पटना नये नये आये थे और सिंगारदान पढ़ने के बाद शमोएल अहमद के दीवाने हो गये थे। कहानी का सार ये है कि शहर में दंगे हुए तो दंगाइयों में से जिसको जो मिला, उसने उसको लूटा। एक दंगाई के हाथ किसी वेश्या के घर का सिंगारदान लग गया और उसे उठा कर वह अपने घर ले आया। सिंगारदान जिस घर में आया, उस घर की औरतों के हाव-भाव बदलने लगे और आख़िर में जो शख़्स सिंगारदान लूट कर लाया था, उसे लगने लगा कि उसके भीतर एक दलाल उग आया है।
इस कहानी पर मेरा बड़ा मन था फ़िल्म बनाने का। मैंने शमोएल साहब को फ़ोन किया, तो उन्होंने कहा कि स्क्रिप्ट लिख कर दिखाइए, तब बात करेंगे। मैं लिखने का मन बना ही रहा था कि एक पोर्न साइट वालों ने इसी नाम से एक घटिया मिनी सीरीज़ बना डाली, जिस पर बाद में केस-मुक़दमा भी शुरू हो गया। बहरहाल…मैंने शमोएल अहमद की बहुत-सी कहानियां पढ़ी हैं। वह आज की सच्चाइयों को चमत्कारिक रूप से बयान करने में माहिर थे। उनका एक नॉवेल महामारी मुझे याद आ रहा है, जो दिल्ली में मेरे छोटे भाई अरुण नारायण ने मुझे दिया था। उसकी ज़िद पर ही मैंने उसे पढ़ा था। सरकारी तंत्र में भ्रष्टाचार की वैसी व्यंग्य गाथा उससे पहले मैंने नहीं पढ़ी थी। तब शायद कुछ लिखा भी था।उनके निधन से जो तक़लीफ़ हुई है, उसे ज़ाहिर कर पाना बहुत मुश्किल है।ख़िराज-अक़ीदत!
Shamoil Ahmad
Shamoel ahmed
Birth:4 May 1943
Death:25 December 2022
birth place ; Bhagalpur, Bihar
Some major works; Singardan, River, Pandemic, Chamrasur, Ai Dile Awara, Girdab, 21 Best Stories Majlis Farog Urdu Awarded International Award for Doha-Qatar. Awards of Uttar Pradesh Urdu Academy and Bihar Urdu Academy. Writing with equal rights in Hindi and Urdu. Perfect for bold, adventurous, sex and psychology-centric subjects, a strange mix of history, philosophy, reality and satire in stories. Stories translated into many Indian languages, the novel “River” in English and the story collection “The Dressing Table” published by Just Fiction Germany.
Bachelor in Civil Engineering. Retired as Chief Engineer in Public Health Engineering Department, Government of Bihar and now independent writing.