पटना: अधिक वेतन वाली नौकरी और बेहतर जीवन की चाहत में बिहार और उत्तर प्रदेश के कई युवक कबूतरबाजों के चक्कर में फंस गए हैं। बड़े सपने लेकर मलेशिया गए बिहार के बक्सर और भोजपुर के साथ ही उत्तर प्रदेश (यूपी) के बलिया और अन्य जिलों के युवक अब अपनी हालत पर रो रहे हैं। उनका कहना है कि घर लौटने की बात करने पर कमरे में बंदकर उनकी पिटाई की जा रही है।
बक्सर जिला में महरौरा के अलावा भोजपुर और पड़ोसी राज्य उत्तर प्रदेश के बलिया और आसपास के क्षेत्रों से लगभग दो दर्जन मजदूर कमाने के लिए मलेशिया गए थे। उन्हें कहा गया था कि प्रति माह 40 हजार रुपये मिलेंगे। कबूतरबाजों ने प्रति युवक एक लाख रुपये लेकर एंप्लायमेंट वीजा के बदले टूरिस्ट वीजा थमा दिया और यह कहकर मलेशिया भेजा गया कि वहां जाते ही एक माह के अंदर टूरिस्ट वीजा को एंप्लायमेंट वीजा में परिवर्तित करा दिया जाएगा। मलेशिया जाने के बाद उन्हें कुछ दिनों तक यूंही बैठना पड़ा। इसके बाद कुछ को सीमेंट फैक्ट्री और कुछ युवकों को होटल में बर्तन साफ करने में लगाया गया। पकड़ी मोड़, इटाढ़ी के रहने वाले श्याम बिहारी राम के पुत्र धर्मेंद्र राम ने बताया कि उन पर शौचालय साफ करने के लिए दबाव बनाया गया और इन्कार करने पर कमरे में बंद कर पिटाई की गई है।
पासपोर्ट और कपड़े तक छीनने का लगाया आरोप :
जब मजदूरों को लगा कि वे फंस गए हैं, तो उन्होंने लाखों रुपये लेकर विदेश भेजने वाले एजेंटों से फोन पर संपर्क किया। धर्मेंद्र के मुताबिक उत्तर प्रदेश के गाजीपुर जिले के कोटवां नारायणपुर निवासी एजेंट ने किसी तरह जान बचाकर वहां से भागने की बात कहकर अपना पल्ला झाड़ लिया। फिलहाल दो दर्जन युवक मलेशिया के शाह आलम इलाके में ब्रह्मपुर (बक्सर) निवासी मनौव्वर आलम के यहां शरण लिए हुए हैं। वहां फंसे मजदूरों ने वीडियो कालिंग के द्वारा परिजनों को बताया कि उनके पासपोर्ट सहित सभी कागजात और तन ढंकने के कपड़े तक छीन लिए गए हैं।
स्वदेश लौटने की बात पर हुई पिटाई :
इन मजदूरों में महरौरा गांव निवासी प्रतापचंद्र राम के पुत्र धर्मेंद्र कुमार और दीपक कुमार के पुत्र सोनू राम, भोजपुर जिले के झौवा बेलवनियां निवासी राजेश गोस्वामी, बलिया यूपी के मंटू शर्मा, अजय यादव, अर्जुन यादव, अवधेश चौधरी, गोङ्क्षवदा साहनी, नीरज पासवान, धीरेंद्र प्रसाद, ङ्क्षपटू चौधरी, जितेंद्र साह, वीरेंद्र साहनी, रामाशंकर साहनी और सन्नी कुमार सहित कई ने शुक्रवार को वीडियो काल पर आपबीती सुनाई। अपना दर्द बताते हुए सभी फफक पड़े। वहां भारतीय दूतावास से रिहाई की गुहार लगाकर और अपने घर से दोबारा 50 हजार रुपये मंगाकर पकड़ी मोड़, इटाढ़ी के रहने वाले धर्मेंद्र राम स्वदेश लौट आए हैं। वे और उनके साथी दो दर्जन मजदूरों की रिहाई के लिए मीडिया और भारत सरकार के संबंधित अधिकारियों से गुहार लगा रहे हैं।