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Bihar:अब जहानाबाद में गायब हुए तीन पुल

पटना: रोहतास जिले के नासरीगंज में छह माह पहले 50 साल पुराना हजार किलो का लोहे का पुल चोरी होने का मामला सामने आया था। अब जहानाबाद में 50 साल पुराने लोहे के तीन पुल गायब हो गए हैं। नए पुल बन जाने के बाद पुराने पुल उपयोग में नहीं थे। निर्माण स्थल से लोहा पुल के 20-25 गार्डर समेत अन्य सामान गायब कर दिए गए हैं। रतनी इलाके के ग्रामीणों ने ठेकेदार पर विभागीय अधिकारी से मिलीभगत कर पुराने पुल को बेच देने का आरोप लगाते हुए जिलाधिकारी से शिकायत की है। दूसरी ओर जिलाधिकारी ने ऐसी किसी जानकारी से ही इनकार किया है।
ग्रामीणों का कहना है कि दो साल पहले तक निर्माण स्थल पर लोहा पुल के अवशेष सुरक्षित थे। गार्डर काफी वजनी थे, जिन्हें उठा ले जाना आम आदमी के वश में नहीं था। राष्ट्रीय उच्च पथ विभाग ने जब से पुल निर्माण का कार्य शुरू किया, धीरे-धीरे निर्माण स्थल से लोहा पुल के अवशेष गायब होते चले गए। गार्डर की अनुमानित कीमत 25 लाख से ज्यादा होगी।
जहानाबाद-अरवल मुख्य मार्ग पर कसमा गांव के समीप मोरहर नदी पर अंग्रेजों के जमाने का लगभग 50 फीट लंबा लोहा पुल था। इसी पुल से छोटे-बड़े वाहनों की आवाजाही होती थी। इसके अलावा कसमा-नेहालपुर व नेहालपुर-झुनाठी मार्ग पर दो लोहा पुल थे, जिनके नीचे से होकर खेतों में पानी पहुंचता था। चार दशक पूर्व ये तीनों पुल पथ निर्माण विभाग के अधीन थे। तीनों जगह पथ निर्माण विभाग ने नए पक्के (आरसीसी) पुल बनाए। पुराने लोहा पुलों के गार्डर काफी वजनदार होने के कारण वहीं छोड़ दिए गए थे।
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के कार्यकाल में जहानाबाद-अरवल मुख्य मार्ग को एनएच-110 का दर्जा दिया गया, जिसके बाद तीनों पुलों की जगह दो साल पहले राष्ट्रीय उच्च पथ विभाग द्वारा नए पुलों का निर्माण शुरू किया गया था। जहानाबाद-अरवल व नेहालपुर-झुनाठी मार्ग पर दो पुलों का निर्माण पूरा हो चुका है। कसमा-नेहालपुर मार्ग पर पुल निर्माणाधीन है। इस बीच तीनों निर्माण स्थल से पुराने लोहा पुल के अवशेष गायब हो गए।
कसमा पंचायत की मुखिया के पति मुकेश कुमार ने कहा कि नेशनल हाइवे (एनएच) के अधिकारियों की मिलीभगत से ठेकेदार ने लोहा पुल को काटकर बेच दिया। इससे राजस्व को काफी नुकसान पहुंचा है। मामले की जांच कर दोषियों पर कानूनी कार्रवाई की मांग को लेकर वे जल्द ही धरना-प्रदर्शन करेंगे।
किसने क्या कहा
राष्ट्रीय उच्च पथ विभाग द्वारा दो साल पहले तीन लोहा पुल तोड़कर वहां नए पुल का निर्माण शुरू किया गया। निर्माण स्थल पर अंग्रेजों के जमाने के लोहे पुल का कोई अवशेष नहीं था।
विजेंद्र प्रसाद (कनीय अभियंता, एनएच) 
50 साल पहले ठेकेदारी प्रथा नहीं थी। विभाग के जेई ही निर्माण कार्य कराते थे। नए निर्माण से पहले पुराने पुल के अवशेष जेई को हैंडओवर किए जाते थे। इसमें गड़बड़ी के चलते सेवानिवृत्ति के बाद भी विभाग के कई जेई का पेंशन नहीं चालू हो पाया है। ये काफी पुराने मामले हैं, किस स्तर पर गलती हुई है, यह जांच का विषय है।
मो. इम्तयाज (कार्यपालक अभियंता, पथ निर्माण विभाग) 

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