भारतीय कुश्ती संघ के अध्यक्ष बृज भूषण सिंह इन दिनों सुर्खियों में है। दरअसल बृजभूषण सिंह पर महिला कुश्ती खिलाड़ियों ने यौन शोषण का आरोप लगाया है। बात यहीं तक नहीं रुकी है बल्कि कई कुश्ती खिलाड़ियों ने धरना प्रदर्शन के द्वारा इस मामले को राष्ट्रीय दिया और मीडिया में इसकी चर्चा जोरों पर है।पक्ष विपक्ष और राजनीति शुरू है। कोई पहलवानों के पक्ष में खड़ा है तो कोई पुष्टि संघ के अध्यक्ष बृजभूषण सिंह के पक्ष में। इन सबके बीच भारतीय कुश्ती संघ के अध्यक्ष बृजभूषण सिंह ने शुक्रवार को बड़ा बयान देते हुए कहा कि अगर मैंने मुंह खोल दिया तो भूचाल आ जाएगा।भारतीय कुश्ती महासंघ के खिलाफ पहलवानों का धरना जंतर मंतर पर लगातार दूसरे दिन भी जारी है. प्रदर्शन कर रहे पहलवानों ने कुश्ती महासंघ के अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह और कुछ कोच पर महिला रेसलर्स के यौन उत्पीड़न के आरोप लगाए हैं. साथ ही महासंघ के कामकाज पर भी सवाल उठाए. धरने पर बैठे पहलवानों का कहना है कि जब तक दोषियों को सजा नहीं मिलती हम धरने पर बैठेंगे. किसी भी इवेंट में कोई एथलीट हिस्सा नहीं लेगा. उधर, धरने पर बैठे पहलवानों को दंगल गर्ल और बीजेपी नेता बबीता फोगाट का भी समर्थन मिला है. विपक्षी दलों ने भी इस मुद्दे पर केंद्र सरकार को घेरना शुरू कर दिया है।
क्या कहा बृजभूषण सिंह ने
भारतीय कुश्ती संघ के अध्यक्ष और भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) सांसद बृजभूषण शरण सिंह अभी भी इस्तीफा न देने पर अड़े हैं. पहलवानों के यौन शोषण के आरोपों के बाद पद छोड़ने के बढ़ते दबाव के बीच बृजभूषण ने कहा है कि वो फिलहाल इस्तीफा नहीं देने जा रहे, वो शाम चार बजे प्रेस कांफ्रेंस करेंगे. उन्होंने कहा कि उनके समर्थन में भी लगातार खिलाड़ी सामने आ रहे हैं. बीजेपी सांसद बृजभूषण शरण सिंह ने आजतक से बातचीत में दोबारा कहा कि वह आज नेशनल मीट में जा रहे हैं, उनकी किसी से कोई बातचीत नहीं हुई है, शाम को जब मीडिया से मुखातिब होंगे तो अपनी बात रखेंगे. उन्होंने कहा कि मैं किसी की दया से अध्यक्ष नहीं बना हूं, अगर मैंने अपना मुंह खोल दिया तो सुनामी आ जाएगी।
भाजपा पर विपक्ष का प्रहार
भारतीय कुश्ती महासंघ के खिलाफ पहलवानों का धरना जंतर मंतर पर लगातार दूसरे दिन भी जारी है. प्रदर्शन कर रहे पहलवानों ने कुश्ती महासंघ के अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह और कुछ कोच पर महिला रेसलर्स के यौन उत्पीड़न के आरोप लगाए हैं. साथ ही महासंघ के कामकाज पर भी सवाल उठाए. धरने पर बैठे पहलवानों का कहना है कि जब तक दोषियों को सजा नहीं मिलती हम धरने पर बैठेंगे. किसी भी इवेंट में कोई एथलीट हिस्सा नहीं लेगा. उधर, धरने पर बैठे पहलवानों को दंगल गर्ल और बीजेपी नेता बबीता फोगाट का भी समर्थन मिला है. विपक्षी दलों ने भी इस मुद्दे पर केंद्र सरकार को घेरना शुरू कर दिया है।
नेता और ब्यूरोक्रेट्स खेल संघों से इतना मोह क्यों रखते हैं?
छह बार के सांसद और भारतीय कुश्ती संघ के अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ पहलवानों ने ही मोर्चा खोल दिया है। तमाम आरोप लगाए जा रहे हैं और उनकी अध्यक्षता में चल रही फेडरेशन को भंग करने की मांग चल रही है। विवाद थमता नजर नहीं आ रहा है। हालांकि, अगर गौर से देखा जाए तो खेल संघों से नेताओं और ब्यूरोक्रेट्स का मोह लंबे समय से रहा है। कई मर्तबा आरोप लगते हैं कि खेल संघों में गैर पेशेवर खिलाड़ियों की वजह से ही खेलों का विकास प्रभावित हो रहा है। अब चर्चा हो रही है कि आखिर नेताओं-ब्यूरोक्रेट्स का खेल संघों से मोह भंग क्यों नहीं हो रहा?जानकारों की मानें तो खेलों में छुपे ‘ग्लैमर’ का एक जरिया खेल संघ भी हैं। प्रतियोगिताओं में टीमें जब हिस्सा लेने के लिए जाती हैं तो कई पदाधिकारियों के पास नामचीन हस्तियों से मुलाकात आसान होती है। प्रतियोगिताओं के दौरान अपने तमाम करीबियों को वे उपकृत कर सकते हैं। एक नेता जोकि क्रिकेट संघ की राजनीति से ताल्लुक रखते हैं, उनके बारे में एक पूर्व खिलाड़ी कहते हैं कि जब कभी प्रतियोगिताएं होती हैं तो वे अपने लोगों के लिए पास का इंतजाम करते हैं। उनका दाम काफी होता है। हालांकि, जिन्हें वे पास देते हैं, वे खुद भी उतनी रकम के टिकट खरीद सकते हैं, लेकिन असोसिएशन की तरफ से मिलने वाले पास का एक अलग ही स्टेटस सिंबल है, जो रकम लगाकर खरीदे गए टिकट में नहीं मिल सकता।

पतंजलि के उत्पाद पर उठाए थे सवाल
बाबा रामदेव, पतंजलि को लेकर महर्षि पतंजलि की जन्मस्थली के दुर्दशा पर सवाल उठाने वाले बीजेपी सांसद बृजभूषण शरण सिंह के बयान ने तूल पकड़ लिया था। उन्होंने हाल में बाबा रामदेव यानी पतंजलि के घी को नकली बताया था। इस बयान पर सांसद बृजभूषण शरण सिंह और पतंजलि योगपीठ के आचार्य बालकृष्ण आमने सामने आ गए थे। आचार्य बालकृष्ण ट्वीट कर सांसद पर हमलावर हो गए। आचार्य ने अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल पर बीजेपी सांसद बृजभूषण शरण सिंह को टैग करते हुए एक पोस्ट लिखा। इसमें लिखा है कि सज्जनता का संवाद न समझने वाले, अनर्गल प्रलाप और बयानबाजी करने वाले, कभी घी का तो कभी टूथपेस्ट का खटराग अलापने वाले, अब महर्षि पतंजलि की आड़ लेकर ढोंग कर रहे हैं। ऐसे लोगों को संविधान और कानून की मर्यादा के दायरे में रहकर उत्तर दिया जाएगा।दरअसल भारतीय कुश्ती संघ के अध्यक्ष और कैसरगंज से बीजेपी सांसद बृजभूषण शरण सिंह ने गुरुवार को महर्षि पतंजलि की जन्मस्थली का दौरा किया था। वहां की दुर्दशा को लेकर योग गुरु बाबा रामदेव के पतंजलि योगपीठ पर निशाना साधा था। सांसद ने कहा था कि गोंडा की धरती पर जन्मे योग के प्रणेता महर्षि पतंजलि के नाम का इस्तेमाल बंद होना चाहिए। पतंजलि के नाम पर यह जो मसाला, दूध, घी और अंडरवियर बनियान बेचने का जो कारोबार चल रहा है, यह सीधे तौर पर महर्षि के नाम का दोहन है। सांसद ने कहा था कि आप किसकी अनुमति से इस नाम का इस्तेमाल कर रहे हैं। इनके नाम का इस्तेमाल कर अरबों खरबों रुपये का व्यापार खड़ा किया गया, उनके लिए आपने क्या किया। सांसद ने कहा था कि इस नाम का इस्तेमाल बंद करिए, अन्यथा इस विषय को लेकर बड़ा आंदोलन किया जाएगा।
पतंजलि ने दी थी कार्रवाई की चेतावनी
सांसद बृजभूषण शरण सिंह के बयान पर पतंजलि योगपीठ के निदेशक आचार्य बालकृष्ण ने ट्वीट कर पलटवार किया था और कानूनी कार्रवाई की चेतावनी दी थी। आचार्य बालकृष्ण ने अपने ट्वीट में काफी कड़े शब्दों का इस्तेमाल किया था। आचार्य ने सांसद को टैग करते हुए कानून कार्रवाई की चेतावनी दी थी।
इस्तीफे का दबाव
Brij Bhushan Singh WFI Resignation: यौन शोषण का आरोप और जंतर-मंतर पर पहलवानों के विरोध प्रदर्शन देने के बाद भारतीय कुश्ती महासंघ के अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह पर इस्तीफा देने का दबाव बढ़ गया है. इंडिया टुडे ने सूत्रों के हवाले से कहा है कि खेल मंत्रालय ने गुरुवार को बृजभूषण सिंह को अल्टीमेटम दे दिया है और कहा है कि वे 24 घंटे में इस्तीफा सौंप दें. इससे पहले, केंद्रीय खेल मंत्री अनुराग ठाकुर (Anurag Thakur) ने प्रदर्शनकारी पहलवानों के साथ अपने आवास पर एक बैठक की थी.
यहां यह भी देखने वाली बात है कि भारतीय जनता पार्टी जो आमतौर पर अपने नेताओं और विधायकों सांसदों के पीछे पूरी मुस्तैदी के साथ खड़ी रहती है बृजभूषण सिंह के मामले में ऐसा होता दिखाई नहीं दे रहा है। जिस तरह से भारतीय जनता पार्टी अपने नेताओं को बचाने के लिए सीमाएं पार कर जाती है वैसी कोई हरकत इस मामले में भारतीय जनता पार्टी के द्वारा नहीं दिखाई जा रही है जाहिर है सवाल उठेंगे और इस सवाल का जवाब यह है कि भारतीय जनता पार्टी के सांसद बृजभूषण सिंह कुछ दिनों पहले पतंजलि पर सवाल उठाकर न सिर्फ यह के अलग-थलग पड़ चुके हैं बल्कि भारतीय जनता पार्टी पीठ पीछे बृजभूषण सिंह को निपटाने की कोशिश भी कर सकती है। यह दरअसल एक सोची समझी साजिश का हिस्सा भी हो सकता है और पतंजलि के ऊपर लगाए गए आरोप और उस पर उठाए गए सवाल का जवाब भी।