असंगठित मजदूरों का 3रा राज्य सम्मेलन सम्पन्न,25 सदस्यीय राज्य कार्यकारिणी निर्वाचित, सुरेन्द्र सिंह राज्य अध्यक्ष और मुकेश मुक्त चुन गए महासचिव
पटना:मजदूर अधिकारों पर बढ़ते फासीवादी हमले के खिलाफ आंदोलन तेज करने के आह्वान के साथ असंगठित कामगार महासंघ (ऐक्टू) का तीसरा बिहार राज्य सम्मेलन आज पटना के स्थानीय दरोगाराय पथ स्थित स्वतंत्रता सेनानी हॉल में सम्पन्न हुआ। सम्मेलन की अध्यक्षता – मुकेश मुक्त, सुरेन्द्र प्रसाद सिंह व शिवशंकर प्रसाद वाली तीन सदस्यीय अध्यक्षमंडल ने की। संचालन – सुभाष कुमार, रामचंद्र दास व मुकेश कुमार वाली तीन सदस्यीय संचालन समिति ने की। सम्मेलन की शुरुआत महासंघ के झंडोत्तोलन व मजदूर आंदोलन सहित वाम-जनवादी संघर्षों के तमाम शहीदों व दिवंगतों की याद में निर्मित शहीद वेदी पर माल्यार्पण व 2 मिनट मौन के साथ श्रद्धांजलि अर्पित करने से हुई।
सम्मेलन का उदघाटन ऑल इण्डिया कंस्ट्रक्शन वर्कर्स फेडरेशन (AICWF) के राष्ट्रीय महासचिव – एसके शर्मा ने की। उन्होंने सम्मेलन को सम्बोधित करते हुए मजदूर वर्ग पर केन्द्र सरकार की लगातार तेज होते हमलों की विस्तृत चर्चा की। उन्होंने कहा कि भाजपानीत मोदी सरकार तबाही और विनाश का पर्याय बन गयी है। मोदी शासन में करोड़ों आम मेहनतकश आवाम, गरीबी और भुखमरी के दलदल में डूब गए हैं। मजदूर विरोधी लेबर कोड कानून के जरिए मोदी सरकार ने मजदूरों को चरम अधिकारहीनता की आग में झौंक दिया है।
सम्मेलन के प्रतिनिधि सत्र में महासंघ के राज्य सचिव सुभाष कुमार की ओर से राज्य अध्यक्ष मुकेश मुक्त ने मजदूर विरोधी लेबर कोड, रोजी-रोटी, समाजिक सुरक्षा, न्यूनतम मजदूरी, संविधान-लोकतंत्र पर हमले आदि सवालों पर संगठन की कार्यवाही व गतिविधियों और कार्यभार से सम्बंधित लिखित प्रतिवेदन प्रस्तुत किया। जिसपर बहस में विभिन्न जिलों के पंद्रह प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया। इसके बाद राज्य कमिटी ओर से मुकेश मुक्त द्वारा प्रतिनिधयों के सलाह-सुझाव को स्वीकारते हुए जवाब दिए जाने के बाद सम्मेलन ने सर्वसम्मति से प्रतिवेदन को पारित किया।
सम्मेलन के पर्यवेक्षक और मुख्य वक्ता – ऑल इण्डिया सेन्ट्रल काउंसिल ऑफ ट्रेड यूनियन्स (ऐक्टू) राज्य महासचिव सह राष्ट्रीय सचिव आरएन ठाकुर ने महासंघ के संविधान के अनुसार नई राज्य कार्यकारिणी का चुनाव सम्पन्न कराया। सम्मेलन ने सर्वसम्मति से 25 सदस्यीय राज्य कमिटी निर्वाचित की, जिसमें सुरेन्द्र प्रसाद सिंह – अध्यक्ष, शिवशंकर प्रसाद, संगीता देवी, सावित्री देवी व रामचंद्र दास – उपाध्यक्ष, मुकेश मुक्त – महासचिव, सुभाष कुमार, मुकेश कुमार, राजकुमार (पप्पू) शर्मा व पुरुषोत्तम प्र. सिंह – सचिव, शशिशेखर चौबे – कोषाध्यक्ष और प्रभुदयाल सिंह, बच्चा बाबू, कंचन देवी, मो. यूनुस, बीजो देवी, अरविन्द शर्मा, रामलाल राम, बालमुकुंद चौधरी, राजेश कुमार दास, सिकंदर तांती, विद्या कुमार, मो. इकबाल व हरी कुमार राय – कार्यकारिणी सदस्य चुने गए।
मुख्य वक्ता आरएन ठाकुर ने सम्मेलन को सम्बोधित करते हुए कहा कि शोषन-दोहन की सबसे अधिक मार असंगठित क्षेत्र के मजदूरों को ही झेलना पड़ता है। फासीवादी-साम्प्रदायिक-कॉरपोरेट हमलों के निशाने का सॉफ्ट टारगेट भी यही तबका है। इस विशाल मेहनतकश समूह को आधुनिक गुलाम बनाने के लिए शासकवर्ग हर प्रकार के हथकंडे अपना रही है। ऐसी स्थिति में इन्हें गोलबंद कर अपनी हितरक्षा के संघर्ष में उतारने की जरूरत है और इस कार्यभार को पूरा करना असंगठित कामगार महासंघ की फौरी जिम्मेदारी है।
सम्मेलन को अराजपत्रित कर्मचारी महासंघ-गोपगुट के सम्मानित राज्य अध्यक्ष रामबली प्रसाद, भाकपा-माले के राज्य कमिटी सदस्य जितेंद्र कुमार, मुकुल कुमार, रामचंद्र दास, चंदेश्वर सिंह, अमित कुमार, शिवचंद्र महतो आदि दर्जनों अतिथियों-प्रतिनिधयों ने सम्बोधित किया। सम्मेलन में राज्य के विभिन्न जिलों से करीब डेढ़ सौ चयनित प्रतिनिधि शामिल हुए।
आगामी 4 अप्रैल को ऐक्टू के आह्वान पर विधानसभा के समक्ष होने वाले विशाल मजदूर प्रदर्शन में बड़ी भागीदारी व 22 अप्रैल तक चलने वाले ‘लोकतंत्र बचाओ जनसंवाद’ में व्यापक हिस्सेदारी और मजदूरों के हक-अधिकार के लिए बड़ी एकजुटता कायम करने के संकल्प के साथ सम्मेलन समाप्त हुआ।