मेराज एम एन
लोकसभा चुनाव 2024 के लिए अब गिने-चुने दिन ही रह गए हैं। एक तरफ राजनीतिक पार्टियों जहां जातीय समीकरण , पार्टी पॉलिटिक्स और दूसरे तमाम तरह के कील कांटे दुरुस्त करने में व्यस्त है तो वही इन पार्टियों के नेतागण भी खुद को उम्मीदवार बनाए जाने को लेकर तैयारी शुरू कर दी है। इसी क्रम में सीतामढ़ी लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र में भी राजनीतिक सरगर्मी तेज हो गई है।ताजा राजनीतिक परिदृश्य में इस लोकसभा क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करने वाले सांसद सुनील कुमार पिंटू के टिकट कटने की प्रबल संभावनाओं के बीच महागठबंधन से ही इस सीट के लिए मजबूत दावेदार के तौर पर विधान परिषद के सभापति देवेश चंद्र ठाकुर एक्टिव हो गए हैं। इसकी बानगी पिछले दिनों उस वक्त देखने को मिली जब सीतामढ़ी लोकसभा क्षेत्र से इंडिया गठबंधन के उम्मीदवार के चुनाव को लेकर विभिन्न राजनीतिक पार्टियों के पदाधिकारी की एक बैठक हुई। खास बात यह थी कि वो बैठा सभापति के आवास पर ही हुई और उस बैठक में खुद देवेश चंद्र ठाकुर भी मौजूद थे। यानी अगर यह कहा जाए की देवेश चंद्र ठाकुर ने सीतामढ़ी लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र से सांसद बनने की जुगत शुरू कर दी है तो यह अनुचित नहीं होगा।
मीडिया में आ रही खबरों के अनुसार बिहार विधान परिषद के सभापति देवेश चंद्र ठाकुर को सीतामढ़ी सीट से आइएनडीआइए गठबंधन का उम्मीदवार बनाने के लिए एक बैठक हुई जिसमें सभापति के समर्थन में वहां मौजूद विभिन्न दलों के नेताओं व कार्यकर्ताओं ने प्रस्ताव रखा कि उनको उम्मीदवार बनाया जाए। डुमरा स्थित सभापति के आवासीय परिसर में हुई बैठक की अध्यक्षता जदयू के पूर्व जिलाध्यक्ष व किसान नेता नागेंद्र सिंह ने की।इस मौके पर स्वयं सभापति देवेश चंद्र ठाकुर भी मौजूद थे। उन्होंने सभी समर्थकों का अभार भी प्रकट किया। साथ ही कहा कि आप सभी के सहयोग के कारण आइएनडीआइए गठबंधन ने मुझे उम्मीदवार बनाया तो मैं आपकी उम्मीदों पर खरा उतरकर दिखाऊंगा।जदयू के मुख्य प्रवक्ता प्रो. अमर सिंह ने प्रेस को जारी बयान में इस बात का दावा किया कि राजद, सीपीआई, माले, सीपीएम, कांग्रेस के नेताओं ने एक प्रस्ताव सर्वसम्मति से रखा कि सभापति देवेश चंद्र ठाकुर को उम्मीदवार बनाया जाए ।लगभग छह घंटे तक चली बैठक में सभी वक्ताओं ने कहा कि एकमात्र उम्मीदवार देवेश चंद्र ठाकुर होंगे, जिन्हें सभी जाति-धर्म एवं अन्य एकमत से उन्हें अपना मत देकर विजयी बनाएंगे।बैठक में सुरसंड विधायक दिलीप राय, रुन्नीसैदपुर विधायक पंकज मिश्रा, विधान पार्षद रेखा कुमारी, पूर्व विधायक खलील अंसारी, पूर्व विधायक रामजीव प्रसाद, पूर्व विधान पार्षद राजकिशोर कुशवाहा, जिला जदयू अध्यक्ष सत्येंद्र कुशवाहा, वरिष्ठ अधिवक्ता एवं जदयू नेता विमल शुक्ला, मुखिया संजीव भूषण उर्फ गोपाल, मुखिया एकनाथ झा पूर्व अध्यक्ष मोहन सिंह मौजूद थे।इसके अलावा कांग्रेस नेता व 20 सूत्री सदस्य रकटू प्रसाद, संजय कुमार पंकज, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के जिला सचिव जयप्रकाश राय, राजद के पूर्व जिलाध्यक्ष शिवशंकर यादव, राजद के पूर्व प्रदेश महासचिव तारकेश्वर प्रसाद यादव, राजद नेता व नगर परिषद के पूर्व अध्यक्ष मनोज कुमार समेत बड़ी संख्या में कई दलों के नेता मौजूद थे।
सीतामढ़ी लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र का सांसद बनने के लिए दोनों गठबंधन अर्थात एनडीए और इंडिया में अलग-अलग दलों के कई दावेदार हैं हालांकि यह सीट किस घटक दल के कोटे में जायेगी अभी स्पष्ट नहीं है। राजग में भाजपा खुद मैदान में उतरेगी या सहयोगी दल को अवसर उपलब्ध करायेगी, आधिकारिक तौर पर इस पर भी कुछ नहीं कहा जा सकता है लेकिन राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि सीतामढ़ी की सीट महागठबंधन में जदयू के कोटे में गयी तो वहां कई उम्मीदवार आस लगाए बैठे हैं।सीटिंग होने की वजह से सुनील कुमार पिंटू की दावेदारी अपनी जगह बरकरार है।वैसे, इसके अलावा उनके दावे का अन्य कोई आधार नहीं है।2019 में किस्मत उन्हें लोकसभा में खींच ले गयी।इस बार भी अवसर मिलता है तो उसे किस्मत का ही खेल माना जायेगा। उनके इसी कमजोर पक्ष को देखते हुए विधान परिषद के सभापति देवेश चंद्र ठाकुर,सुरसंड के विधायक दिलीप राय और विधान पार्षद रेखा कुमारी,विधान पार्षद रामेश्वर महतो, बाजपट्टी से राजद विधायक मुकेश कुमार यादव,राजद कोटे से विधान परिषद के पिछले चुनाव में सीतामढ़ी-शिवहर स्थानीय प्राधिकार क्षेत्र से उम्मीदवार कब्बू खिरहर,पूर्व सांसद अर्जुन राय भी अपनी दावेदारी पेश कर सकते हैं।संसदीय क्षेत्र में अपने-अपने स्तर से सभी का प्रारंभिक अंदरुनी अभियान भी चल रहा है।
इन सबके बीच विश्लेषकों की नजर में जदयू में बिहार विधान परिष्द के सभापति देवेश चन्द्र ठाकुर मजबूत दावेदार हैं लेकिन उनकी इस दीर्घ इच्छा की पूर्त्ति जदयू नेतृत्व की गंभीरता और राजद नेतृत्व की स्वीकार्यता पर निर्भर करेगी।देवेश चंद्र ठाकुर चौथी बार तिरहुत स्नातक निर्वाचन क्षेत्र से विधान पार्षद निर्वाचित हुए हैं। देवेश चंद्र ठाकुर वर्ष 2004 में जदयू में शामिल हुए थे। वर्ष 2008 में जदयू समर्थित प्रत्याशी के रूप में एमएलसी बने और आपदा प्रबंधन मंत्री बने थे। वर्ष 2014 में निर्दलीय लड़े और तीसरी बार विधान पार्षद बने थे। फिर 2020 में जदयू समर्थित प्रत्याशी के तौर पर निर्वाचित हुए।फिलहाल विधान परिषद के सभापति हैं।तिरहुत की राजनीति में इन्हें अजातशत्रु के नाम से भी जाना जाता है।
यानी मौजूदा वक्त में सीतामढ़ी लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र पर दलगत आधार पर जनता दल यूनाइटेड के कोटे से सांसद बनने के लिए सबसे प्रबल दावेदार के तौर पर देवेश चंद्र ठाकुर उभरकर सामने आ रहे हैं। गठबंधन धर्म के अनुसार यह सीट किस घटक दल को जाती है और कौन उम्मीदवार होता है यह तो भविष्य के गर्त में है लेकिन जिस तरह की राजनीतिक सरगर्मी देखने को मिल रही है उससे इस बात को बल मिलता है कि विधान परिषद के सभापति देवेश चंद्र ठाकुर ने सीतामढ़ी लोकसभा सीट पर अपनी दावेदारी मजबूत करने के लिए चालें चलनी शुरू कर दी हैं।