पटना:बिहार में नीतीश कुमार सरकार के बहुमत परीक्षण के 1 दिन पहले एक हम नाटक किया घटनाक्रम में बिहार पुलिस ने बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री और राज्य जनता तेजस्वी प्रसाद यादव के सरकारी आवास पर देर रात दबिश दिए। यह देवेश दरअसल पूर्व सांसद और बाहुबली आनंद मोहन के बेटे अंशुमन आनंद की उसे शिकायत के बाद कार्रवाई की गई जब आनंद मोहन के बेटे अंशुमान आनंद ने पाटलिपुत्र थाना में यह आवेदन दिया था कि उनके बड़े भाई और शिवहर विधानसभा क्षेत्र से राष्ट्रीय जनता दल के विधायक चेतन आनंद शनिवार की दोपहर से गायब है।पाटलीपुत्र थाना में की गई शिकायत में अंशुमन आनन्द पिता – जी आनन्द मोहत मुहल्ला न्यू पालिपुत्रा कॉलोनी थाना पाटलिपुत्रा ने लिखा है कि मेरे बड़े भाई चेतन आनन्द जो वर्तमान में शिवहर क्षेत्र से विधायक हैं जो कल दिनांक 10.2. 24 को करीब 2.30 बजे दिन में आवास से परिवारजनों को यह कहकर निकले कि मैं एक जरूरी मिटिंग में बाहर जा रहा हूँ। उसके बाद करीब 6.00 बजे शाम में उनके मोबाइल पर संपर्क हुआ और उन्होने बताया कि 7.00 बजे तक घर वापस आ जाऊँगा परन्तु अभी तक मेरे बड़े भाई घर वापस नहीं आए हैं और न ही उनसे कोई संपर्क हो पा रहा है। जिसके कारण परिवार काफी चिंतित चिंतित हैं। अतः अनुरोध है कि न्यायोचित कार्रवाई करते हुए मेरे भाई को ढूंढ़ने की कृपा की जाय।
इस शिकायत पर चेतन आनंद को खोजने बिहार पुलिस तेजस्वी यादव के बंगले पर पहुंच गए। हालांकि पुलिस को राजद कार्यकर्ताओं के भारी विरोध का सामना भी करना पड़ा।
बिहार में जारी राजनीतिक सरगर्मी के बीच बिहार पुलिस कार्रवाई को राजनीतिक विश्लेषणको ने दबाव की राजनीति करार दिया है । राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि दरअसल चेतन आनंद के पिता आनंद मोहन को नीतीश कुमार ने जेल मैनुअल में बदलाव करके जेल से बाहर निकाला है। हालिया दिनों में आनंद मोहन की मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से कई मुलाकाते भी हो चुकी हैं जबकि जब नीतीश कुमार आनंद मोहन के पैतृक गांव भी गए थे।राजनीतिक विश्लेषण का मानना है कि हो सकता है कि आनंद मोहन अपने कर्ज को उतारने के लिए नीतीश कुमार के दबाव का सामना कर रहे हो और यही कारण है कि हो सकता है कि वह अपने बेटे और राजद विधायक चेतन आनंद को एनडीए का समर्थन करने के लिए मजबूर कर रहे हो। अब चुकी इस वक्त विधायक चेतन आनंद तेजस्वी प्रसाद यादव के बंगले में राजद के अन्य विधायकों के साथ हैं ऐसी स्थिति में उनसे बात नहीं हो पा रही होगी और आनंद मोहन का संदेश उन्हें नहीं मिल पा रहा होगा इसलिए ये हथकंडा अपनाया गया है।
दूसरी तरफ कुछ राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि चेतन आनंद फिलहाल राजद छोड़ने के मूड में नहीं है। ऐसा इसलिए क्योंकि जिस विधानसभा शिवहर से चेतन आनंद विधायक हैं वहां से आगामी लोकसभा चुनाव में राजद की तरफ से उन्हें किस्मत आजमाने का मौका मिल सकता है क्योंकि शिवहर आरजेडी के कोटे की लोकसभा सीट है। भाजपा या एनडीए में जाने के बाद ऐसी कोई भी संभावना नहीं दिखाई देती है क्योंकि शिवहर लोकसभा क्षेत्र पर भाजपा का कब्जा है और वहां से रामादेवी सांसद हैं।