पटना : राज्य के सरकारी विद्यालयों में स्थापित आइसीटी (इनफार्मेशन कम्युनिकेशंस टेक्नोलाजी) लैब की जांच होगी। 12वीं कक्षा के विद्यार्थियों के कौशल विकास के लिए इनकी स्थापना हुई है। इनमें से अधिसंख्य के उपयोग में नहीं आने की सूचना है। इसे गंभीरता से लेते हुए शिक्षा विभाग ने निरीक्षी अधिकारियों से जांच कर रिपोर्ट देने को कहा है। अगर जांच में कंप्यूटर खराब पाए गए तो संबंधित एजेंसी पर जुर्माना लगेगा और खराब कंप्यूटर वापस किए जाएंगे। इसके साथ ही एजेंसी के साथ किया गया अनुबंध भी रद होगा।
शिक्षा विभाग ने आइसीटी लैब की जांच के निर्देश सभी जिला शिक्षा अधिकारियों को दिया है। इसमें कहा है कि अगर विद्यालयों में आइसीटी लैब विद्यार्थियों के उपयोग में नहीं लाया जा रहा है तो इसके लिए संबंधित प्रधानाध्यापकों की जवाबदेही तय करते हुए स्पष्टीकरण मांगें। स्पष्टीकरण के आधार पर जिम्मेवार प्रधानाध्यापकों पर कार्रवाई होगी। प्रधानाध्यापकों से भी कहा गया है कि संबंधित एजेंसी से संपर्क कर सभी कंप्यूटर सेट की जांच कराएं। बता दें कि हर विद्यालय में आइसीटी लैब की स्थापना पर छह लाख 40 हजार रुपये खर्च किए गए हैं। इस राशि से प्रत्येक विद्यालय में दो स्मार्ट क्लास रूम का निर्माण कराया गया है।
इसमें कंप्यूटर, पीसी इंटीग्रेटेड टीङ्क्षचग लर्निंग डिवाइस, कंटेंट मैनेजमेंट सिस्टम, लर्निंग मैनेजमेंट सिस्टम के साथ डिजिटल बोर्ड, फ्री और ओपन सोर्स साफ्टवेयर और 16 जीबी रैम के साथ सर्वर, हार्ड डिस्क, प्रोजेक्टर/एलसीडी/एलईडी, ङ्क्षप्रटर, स्कैनर, वेब कैमरा और मोडेम समेत अन्य उपकरण लगाए गए हैं।