पटना : बिहार नगरपालिका (संशोधन) विधेयक 2024 के विरोध में महापौर सीता साहू की ओर से अधिवक्ता मयूरी ने सोमवार को पटना उच्च न्यायालय में याचिका दायर कर दी। गत 30 जुलाई को नगर निगम की साधारण बैठक में वार्ड पार्षदों ने सर्वसम्मति से संशोधन विधेयक को वापस लेने के लिए ङ्क्षनदा प्रस्ताव पारित किया था। उसी समय महापौर सीता साहू ने इस विधेयक को वापस कराने के लिए उच्च न्यायालय जाने की घोषणा की थी। राज्यभर के मुख्य पार्षदों के साथ बैठक में भी सर्वसम्मति से न्यायालय जाने की सहमति बनी थी।
पटना नगर निगम के सशक्त स्थायी समिति के सदस्य डा. आशीष कुमार सिन्हा और इंद्रदीप चंद्रवंशी ने बताया कि नगरपालिका अधिनियम में संशोधन के बाद राज्य सरकार के नियमों को मानना नगरपालिका के लिए बाध्यकारी हो जाएगा। नियम बनाने के लिए विधानमंडल के बहुमत की जरूरत नहीं पड़ेगी। यह कानून नगरपालिका की व्यवस्था के लिए घातक है। जनता के वोट से चुने गए प्रतिनिधियों को झाड़ू खरीदने, कचरा संग्रह, प्रोसेङ्क्षसग यूनिट तैयार करने, एजेंडा तय करने के अधिकार से वंचित कर दिया गया है। 2007 में नगर निकायों को मजबूत बनाने के लिए बिहार नगरपालिका अधिनियम बना था। 2008 से अधिकारों में कटौती शुरू कर दी गई। 18 चिह्नित कार्यों में से केवल चार-पांच अधिकार ही मिले हैं। नगर विकास एवं आवास मंत्री नीतिन नवीन और प्रधान सचिव आनंद किशोर ने संशोधन विधेयक वापस लेने की बात कही थी, इस दिशा में अब तक पहल नहीं की गई नोै।