पटना: मुख्यमंत्री बाल श्रवण उपचार योजना के तहत मूक-बधिर सात साल तक के बच्चों को सरकार द्वारा कोक्लियर इंप्लांट के लिए 6.5 लाख तक की सहायता राशि दी जाती है। इस योजना का लाभ अधिक से अधिक बच्चों तक पहुंचाने के लिए स्वास्थ्य विभाग ने एक बड़ी पहल की है। नालंदा मेडिकल कालेज अस्पताल के कान नाक गला विभाग में लंबे समय से टेक्नीशियन के अभाव में बेकार पड़ी आडियोमेट्री मशीन के संचालन के लिए श्री गुरु गोङ्क्षवद ङ्क्षसह सदर अस्पताल में कार्यरत आडियोलाजिस्ट सह स्पीच थेरेपिस्ट मोटम मोनिका की प्रतिनियुक्ति सप्ताह में तीन दिनों के लिए कर दी है। राज्य स्वास्थ्य समिति की इस पहल से इएनटी विभाग की एक पीजी सीट की मान्यता फिर से बहाल हो सकती है।
विभागाध्यक्ष प्रो. डा. सत्येंद्र शर्मा ने कहा कि मूक-बधिर बच्चों की श्रवण (बेरा) जांच एक सप्ताह में शुरू हो जाएगी। इसका लाभ बिहार भर के उन बच्चों को मिलेगा जो मुख्यमंत्री बाल श्रवण उपचार योजना के तहत सरकारी सहायता से कोक्लियर इंप्लांट कराएंगे। उन बच्चों की आपरेशन के बाद स्पीच थेरेपी भी करायी जाएगी। अब तक यह सुविधा नहीं होने के कारण योजना का लाभ बहुत कम बच्चों को ही मिल पा रहा था। एनएमसीएच में प्रदेशभर के कोक्लियर इंप्लांट कराने वाले बच्चों की जांच हो सकेगी। एनएमसीएच के अधीक्षक प्रो. डा. विनोद कुमार ङ्क्षसह ने बताया कि स्वास्थ्य समिति द्वारा एसजीजीएस सदर अस्पताल के डीईआरसी सेंटर में कार्यरत आडियोलाजिस्ट सह स्पीच थेरेपिस्ट को प्रत्येक सप्ताह सोमवार, मंगलवार और बुधवार के लिए प्रतिनियुक्त किया है। उन्होंने कहा कि अस्पताल की आडियोमेट्री जांच मशीन का लाभ शीघ्र ही मूक-बधिर बच्चों को मिलने लगेगा।