पटना : क्षमता संवद्र्धन व प्रबंधन कौशल में निखार के लिए कृषि विभाग के अधिकारियों को बोधगया स्थित भारतीय प्रबंधन संस्थान (आइआइएम) विशेष प्रशिक्षण देगा। कृषि मंत्री मंगल पांडेय व आइआइएम की प्राचार्य डा. विनीता एस. सहाय की उपस्थिति में मंगलवार को इससे संबंधित समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किया गया।
आइआइएम में कृषि विभाग के सहायक निदेशक व उप निदेशक स्तर के सभी पदाधिकारी प्रशिक्षण पाएंगे। अगले दो वर्षों की अवधि में चरणबद्ध तरीके से लगभग 350 पदाधिकारियों को प्रशिक्षित किया जाएगा। एक बैच में कुल 30 पदाधिकारियों का प्रशिक्षण होगा। इस हिसाब से 35 बैच में प्रशिक्षण कार्यक्रम पूरा होगा। आइआइएम के सह-प्राध्यापक प्रो. अमित श्रीवास्तव और उप निदेशक (कृषि) शारदा शर्मा ने अनुबंध पर हस्ताक्षर किया है।
मंगल ने कहा कि आशा है कि प्रशिक्षण के उपरांत पदाधिकारियों में किसानों के प्रति सोच व व्यवहार में कुशलता आएगी। विभाग के प्रति शोध-बोध, दायित्व व विश्वसनीयता में वृद्धि होगी। पदाधिकारियों से उन्होंने कहा कि कार्य-पद्धति में सुधार व स्वयं को व्यवस्थित रखने के लिए प्रशिक्षण एक अच्छा अवसर होगा। विभागीय सचिव संजय कुमार अग्रवाल ने कहा कि आज के समय में हर क्षेत्र में प्रबंधन का गुण अति आवश्यक है। आइआइएम द्वारा प्रशिक्षण प्राप्त करने के बाद पदाधिकारियों की कार्य-दक्षता बढ़ेगी और विभाग की योजनाओं तथा कार्यों में उनके ज्ञान एवं कौशल का सर्वोत्तम उपयोग हो सकेगा। डा. विनीता ने कहा कि अभी 293 शहरों के विद्यार्थी आइआइएम, बोधगया में विभिन्न पाठ्यक्रमों में शिक्षा प्राप्त कर रहे हैं। उनमें 17 प्रतिशत विद्यार्थी बिहार के हैं।
प्रशिक्षण के मुख्य उद्देश्य
– कार्य दक्षता बढ़ाने के तरीकों से अवगत कराना
– कार्यक्षेत्र में आत्मनिर्भरता और आत्मविश्वास को बढ़ाना
– परियोजना प्रबंधन और समय प्रबंधन कौशल को सु²ढ़ करना
– डाटा विश्लेषण और रिपोर्टिंग तकनीकों में प्रवीणता प्राप्त करना
– नवीनतम प्रबंधन तकनीकों व कृषि में नवीनतम खोजों का ज्ञान
– संकट व जोखिम प्रबंधन की रणनीतियों पर ध्यान केंद्रित करना
– हितधारकों के साथ प्रभावी संवाद व बातचीत कौशल का विकास
– कृषि विपणन व आपूर्ति श्रृंखला प्रबंधन की समझ को गहरा करना
– सतत विकास और पर्यावरण संरक्षण के सिद्धांतों को लागू करना
– टीम निर्माण और नेतृत्व कौशल को प्रोत्साहित करना