नई दिल्ली:कांग्रेस,समाजवादी पार्टी एवं अन्य विपक्षी पार्टियों के विरोध के बाद वक्फ एक्ट संशोधन बिल लोकसभा में पास नहीं हो पाया। सरकार ने बिल को ज्वाइंट पार्लियामेंट कमिटी में भेजने की मांग की है। आज गुरूवार को संसदीय कार्य मंत्री किरन रिजिजू ने लोकसभा में संशोधन बिल पेश किया था। जिस पर संसद में विफक्षी दलों द्वारा जमकर हंगामा किया गया। नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने बिल को अधिकारों पर चोट बताया था।
इससे पहले नीतीश कुमार की पार्टी के सांसद और केंद्रीय मंत्री राजीव रंजन उर्फ ललन सिंह ने विधेयक का समर्थन करते हुए कहा कि विधायक पारित हो जाने से और कानून बन जाने से वक्त में पारदर्शिता आएगी।एनडीए की सहयोगी पार्टी जेडीयू और टीडीपी ने वक्फ संशोधन बिल का समर्थन किया है। केंद्रीय मंत्री ललन सिंह ने चर्चा में हिस्सा लेते हुए कहा कि ये बिल मुस्लिम विरोधी नहीं है। उन्होंने कहा कि वक्फ संशोधन विधेयक मुस्लिम विरोधी नहीं बल्कि वक्फ में पारदर्शिता लाएगा।
पारदर्शिता के लिए कानून बनाएगी सरकार
जेडीयू सांसद ने कहा कि विपक्ष मंदिर की बात कर रहा है। इसमें मंदिर की बात कहां से आ गई। उन्होंने कहा कि कोई भी संस्था जब निरंकुश होगी तो सरकार उस पर अंकुश लगाने के लिए, पारदर्शिता के लिए कानून बनाएगी। ये सरकार का अधिकार है। पारदर्शिता होनी चाहिए और ये बिल पारदर्शिता के लिए है।
यह मुसलमानों के खिलाफ कैसे है?
केंद्रीय मंत्री राजीव रंजन उर्फ ललन सिंह ने कहा, “यह मुसलमानों के खिलाफ कैसे है? यह कानून पारदर्शिता लाने के लिए बनाया जा रहा है। विपक्ष इसकी तुलना मंदिरों से कर रहा है, वे मुख्य मुद्दे से भटका रहे हैं। कांग्रेस के केसी वेणुगोपाल को बताना चाहिए कि हजारों सिख कैसे मारे गए। किस टैक्सी ड्राइवर ने इंदिरा गांधी को मारा? अब, वे अल्पसंख्यकों के बारे में बात कर रहे हैं।”