पटना:केंद्र की मोदी सरकार के द्वारा क बोर्ड संशोधन विधेयक 2024 को संसद में पेश करने के उपरांत संसद के संयुक्त परिवार समिति को भेजे जाने के बाद राजनीति तेज हो गई है। बिहार पार्टी जनता दल यूनाइटेड के द्वारा विधायक को संसद में समर्थन दिए जाने के बाद राज्य सहित देश के अल्पसंख्यकों में बढ़ी नाराजगी के बीच जनता दल यूनाइटेड ने आज एक प्रेस विज्ञपती की जारी करके अपने बचाव की कोशिश की है। जनता दल यूनाइटेड के सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर शेयर किए गए प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार संसदीय कार्य मंत्री विजय कुमार चौधरी ने बताया कि केन्द्र सरकार द्वारा वक्फ बोर्ड (संशोधन) विधेयक 2024 को संसद के संयुक्त प्रवर समिति में भेजने का फैसला उचित एवं सराहनीय है। जब से ये संशोधन विधेयक चर्चा में आया है, तभी से अल्पसंख्यक समाज के लोगों में अनेक तरह की आशंकाएँ एवं भ्रान्तियाँ पनप रही थीं। इस परिस्थिति में अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री द्वारा सरकार की तरफ से ही इसकी गहराई से समीक्षा एवं विमर्श हेतु संयुक्त प्रवर समिति में भेजने का प्रस्ताव दिया गया। यह मुनासिब और समीचीन था।मुख्य मंत्री नीतीश कुमार की शुरू से मान्यता रही है कि अल्पसंख्यक से जुड़े मामलों को संवेदनशीलता से देखना चाहिए, जिससे कोई भ्रम या संशय की स्थिति उत्पन्न न हो।
जनता दल यूनाइटेड के द्वारा जारी की गई प्रेस विज्ञप्ति में आगे कहा गया है कि बिहार सरकार द्वारा अल्पसंख्यकों के कल्याणार्थ अनेक योजनाएँ चलाई गई हैं, जिसका सकारात्मक प्रभाव उस समाज पर दिखने लगा है। अल्पसंख्यक छात्र-छात्राएँ शिक्षा एवं आर्थिक विकास के मामले में लगातार आगे बढ़ रहे हैं। इस विधेयक के मामले में अब अल्पसंख्यक संगठनों को भी अपनी चिंताओं एवं आशंकाओं को प्रवर समिति के समक्ष पहुँचाना चाहिए जिससे उनका निदान हो सके। दूसरी ओर अगर कोई संशोधन वक्फ के मकसद की बेहतरी के अनुरूप है, एवं पूरे अल्पसंख्यक समाज के अधिकतम हित में है, तो उस पर भी गौर करना चाहिए।
कुल मिलाकर वक्फ संशोधन अधिनियम के मामले में बेनकाब हो चुकी जनता दल यूनाइटेड ने अब राज्य के मुसलमान को अपने पाले में करने के लिए एक कोशिश की है ताकि जो नाराजगी है उसे दूर की जा सके ।हालांकि यह कितना कारगर होता है मुझे आने वाला वक्त ही बताएगा।