बलिया:आंखें कुदरत की नेमत हैं।लेकिन जब ये न हों तो कितनी दिक्कत होती है उसका अंदाजा यूपी के बलिया में एक परिवार से लगाया जा सकता है।यूपी के बलिया में एक परिवार आंखों की समस्या की वजह से अलग ही तरह का संघर्ष कर रहा है. खबर के मुताबिक इस परिवार के आठ सदस्यों में से चार को आंख की बीमारी है. वे देख नहीं पाते हैं. लेकिन ये दृष्टिहीनता अस्थायी नहीं है, बल्कि कुछ घंटों रहती है और फिर आंखों की रौशनी लौट आती है. बताया गया है कि चारों बच्चों में से दो को दिन में दिखाई नहीं देता और दो को रात में दिखना बंद हो जाता है. परिवार कई डॉक्टरों के पास इस बीमारी का इलाज कराने जा चुका है, लेकिन अभी तक सफलता नहीं मिली है।
इंडिया टुडे की रिपोर्ट के अनुसार, मामला उत्तर प्रदेश के बलिया के हनुमामगंज ब्लॉक के टकर्सन गांव का है. यहां के राम प्रवेश पासी का परिवार आंखों की बीमारी से पीड़ित है. परिवार के सदस्यों में से सुनीता और चलेलिया को रात में नहीं दिखाई देता. वहीं दो सदस्यों को दिन में नहीं दिखता. उनके नाम स्पष्ट नहीं हैं।
परिवार के एक सदस्य रामू के अनुसार, उन्होंने कई डॉक्टरों के पास जाकर इलाज कराया. इसके लिए परिवार यूपी, बिहार से नेपाल तक जा चुका है. लेकिन अभी तक कोई फायदा नहीं हुआ है. यहां तक कि सरकारी डॉक्टर भी इस बीमारी को समझ नहीं पाए हैं, ऐसा उनका कहना है. बेहद मामूली खर्चे में गुजर बसर कर रहे इस परिवार में मूलभूत सुविधाओं का भी अभाव है. इसलिए बच्चों के इलाज में काफी दिक्कतें आती रही हैं।