नयी दिल्ली: 30 अगस्त (भाषा) कुकी निकायों के प्रमुख संगठन ‘इंडिजिनस ट्राइबल लीडर्स फोरम’ (आईटीएलएफ) ने शुक्रवार को कहा कि यदि कोई बातचीत होगी तो यह मात्र उनकी शर्तों पर और केवल केंद्र के साथ होगी। इसके साथ ही मणिपुर के मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह द्वारा वार्ता के लिए नियुक्त किए गए दूत के साथ बातचीत के लगभग सभी दरवाजे बंद हो गए।सिंह ने बृहस्पतिवार को पीटीआई की वीडियो सेवा के साथ एक साक्षात्कार में कहा कि उन्होंने नगा विधायक और हिल एरिया कमेटी के अध्यक्ष दिंगांगलुंग गंगमेई को कुकी-जो तथा मेइती नेताओं के साथ बातचीत करने के लिए दूत के रूप में नियुक्त किया है। उन्होंने कहा, ‘‘बातचीत ही एकमात्र रास्ता है।’’
इससे पहले जातीय हिंसा में धीरे-धीरे कमी आने के बीच मणिपुर के मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह ने केंद्र की मदद से छह महीने में राज्य में पूरी तरह शांति बहाल करने का वादा किया है। उन्होंने पद छोड़ने से भी इनकार करते हुए कहा कि उन्होंने न तो कोई अपराध किया है और न ही कोई घोटाला किया है।गुरुवार को यहां पीटीआई वीडियो के साथ एक साक्षात्कार में, श्री सिंह ने पहली बार खुलासा किया कि उन्होंने कुकी-जो और मैती नेताओं के साथ बातचीत करने के लिए एक दूत नियुक्त किया है। आधिकारिक गणना के अनुसार, मई 2023 से कुकी-जो और मैती जातीय समूहों के बीच संघर्ष में 226 लोग मारे गए हैं।श्री सिंह ने कहा, “बातचीत से यह सब हल हो सकता है। बातचीत ही एकमात्र रास्ता है।” उन्होंने दूत की पहचान नागा विधायक और हिल एरिया कमेटी के अध्यक्ष डिंगांगलुंग गंगमेई के रूप में की।