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महंगाई की मार, थाली से दूर हो रही हरी सब्जी

पटना: महंगाई की मार हर तबके के लोगों को प्रभावित कर रही है। किराना सामान के साथ दाल, तेल से पहले से परेशान चल रहे लोगों को सबसे अधिक परेशानी हरी सब्जियों को लेकर है। इसके भाव आसमान छू रहे हैं। इतना ही नहीं इसके अलावा इस बार आलू प्याज और लहसून के भाव भी काफी महंगे हैं। आम लोगों के पहुंच से यह दूर हो रही है। पहले जहां लोग कच्चा प्याज भी सलाद में खा लेते थे। अब मांस में भी सोच समझकर प्याज और लहसुन डाल रहे हैं। किसी तरह सब्जी में डालने से पहले सौ बार सोचा जा रहा है।

 

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हरी सब्जियों के साथ भी यही समस्या है। चाहे वह पातगोभी, फूल गोभी, परवल हो या फिर कद्दू, नेनुआ हों या अन्य हरी सब्जियां लोगों को रूला रही है। यही कारण है कि लोग थोड़े- थोड़े सब्जी खाकर ही अपना काम चला रहे हैं। स्थानीय निवासी रवि कुमार का कहना है कि बरसात अधिक होने के कारण ऐसी स्थिति बनी है। इधर गृहिणी सावित्री देवी का कहना है कि महंगाई के कारण हरी सब्जी बनाने का मन नहीं हो रहा है। चना, सोयाबीन जैसी सब्जियों से काम चलाया जा रहा है। बता दे कि इस बार नेनुआ, करेला, बैंगन सहित अन्य सब्जियां की खेती अच्छी हुई थी। जिसकी उपज भी ठीक ठाक हुई थी पर, बारिश के कारण कई सब्जी गल गए। जिसके कारण इनके भाव में बढ़ोतरी हो गई है। सब्जी की खेती करने वाले जाकिर एवं रहमत ने बताया कि बाहर से सब्जी आने के कारण इसके दाम में वृद्धि देखने को मिल रही है। भगत ङ्क्षसह चौक पर सब्जी की दुकान लगाने वाले दीपक साह का कहना है जब दूसरे क्षेत्रों से सब्जियां आती हैं तो, उसके भाव महंगे मिलते हैं। उसी हिसाब से बाजार में ग्राहकों को भी देना पड़ता है।

 

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एक नजर सब्जियों के भाव पर :
आलू —– 40 रुपये किलो
प्याज ——50 रुपये किलो
लहसून ——250 से 300 रुपये किलो
नेनुआ ——– 40 रुपये किलो
तरोई ———-50 रुपये किलो
करेला ———40 रुपये
कद्दू ————40 से 50 रुपये प्रति पीस
खीरा ———–40 रुपये किलो
बोड़ी ————50 रुपये
गोभी फूल ——-80 रुपये
बंद गोभी ———-80 रुपये

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