पटना:आरजेडी चीफ लालू प्रसाद यादव ने जातिगत जनगणना को लेकर आधिकारिक बयान जारी किया है. लालू ने कहा, इनको (केंद्र सरकार) इतना मजबूर करेंगे कि इन्हें जातिगत जनगणना करना ही पड़ेगी. दलित, पिछड़ा, आदिवासी और गरीब का एकता दिखाने का समय अब आ चुका है. इससे पहले पूर्व डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव ने कहा था, जातीय जनगणना से कौन इनकार कर सकता है?देश में जातीय जनगणना को लेकर राजनीति जोर पकडऩे लगी है। कांग्रेस पहले से ही जातीय जनगणना के मुद्दे को लेकर मोदी सरकार पर हमलावर है। कांग्रेस के साथ ही राजद और विकासशील इंसान जैसी पार्टी भी इस मसले को लेकर केंद्र सरकार के खिलाफ मोर्चा खोले हुए है। अब राजद अध्यक्ष लालू प्रयास ने भी इस मसले को लेकर भाजपा-आरएसएस के खिलाफ तेवर दिखाए हैं।
पिछले 10 दिनों तक लगातार सिंगापुर में स्वास्थ्य जांच कराने के बाद लालू सोमवार को दिल्ली लौट आए। स्वदेश लौटते ही उन्होंने जातीय जनगणना को लेकर भाजपा पर जोरदार हमला बोला। कहा कि भाजपा और आरएसएस से दंड बैठक कराकर देश में जातीय जनगणना कराकर ही रहेंगे। चुनौती वाले अंदाज में कहा कि इनकी क्या हैसियत जो जातीय जनगणना नहीं करेंगे। इनको इतना मजबूर करेंगे कि इन्हें जातिगत जनगणना करानी ही पड़ेगी। दलित, पिछड़ा, आदिवासी और गरीब की एकता दिखाने का समय अब आ चुका है। यहां बता दें कि दो दिन पहले ही राजद ने राज्य के सभी जिलों में संशोधित आरक्षण को संविधान की नौवीं अनुसूची में शामिल करने और देश में जातीय जनगणना कराने की मांग को लेकर धरना दिया था। इस धरना को संबोधित करते हुए पूर्व उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि केंद्र की भाजपा सरकार आरक्षण विरोधी है। इसी वजह से वह ना तो संशोधित आरक्षण को संविधान की नौवीं अनुसूची में शामिल करना चाहती है ना ही देश में जातीय जनगणना करने के पक्ष में है। तेजस्वी के बाद अब लालू भी इसके समर्थन में कूद पड़े हैं।