पटना: लोकसभा में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के मुख्य सचेतक और वक्फ बोर्ड संशोधन बिल के लिए बनी संसद की संयुक्त समिति (जेपीसी) के सदस्य डॉ. संजय जायसवाल ने फतुहा के गोविंदपुर गाँव में वक्फ बोर्ड के नाम पर हो रही जमीन की गड़बड़ी पर चिंता व्यक्त की है।
डॉ. जायसवाल ने आज फतुहा के गोविंदपुर गाँव का दौरा किया और वहाँ की स्थिति का निरीक्षण किया। उन्होंने बताया कि गाँव के लोगों को आदेश दिया गया है कि वे 30 दिनों के भीतर अपनी जमीन खाली कर दें, क्योंकि इसे वक्फ बोर्ड की संपत्ति घोषित कर दिया गया है। परंतु, जिन लोगों को यह नोटिस दिया गया है उनका खतियान 1910 का है, और उन्होंने मुआवजा भी कई बार प्राप्त किया है। ऐसे में सवाल यह उठता है कि यह जमीन वक्फ बोर्ड की कैसे हो सकती है।
डॉ. जायसवाल ने कहा कि दस्तावेज़ों से साफ पता चलता है कि यह जमीन 2021-22 में ट्रांसफर कराई गई थी और वह भी किसी व्यक्ति के नाम पर, न कि वक्फ बोर्ड के नाम पर। उन्होंने बताया कि मुतव्वली बबलू खान ने इस जमीन को अपने नाम करवा लिया था। इसके साथ ही, सड़क निर्माण के दौरान एक शव को सरकारी जमीन पर दफना कर उस पर कब्जा करने की कोशिश की गई थी।
उन्होंने सुन्नी वक्फ बोर्ड की जिम्मेदारी पर भी सवाल उठाते हुए कहा कि ऐसे मामलों में संस्था को सतर्क रहना चाहिए, ताकि उसकी प्रतिष्ठा को ठेस न पहुंचे। उन्होंने स्पष्ट किया कि किसी व्यक्ति द्वारा अपनी जमीन दान करना एक बात है, परंतु दूसरों की जमीन छीनकर उसे दान करना गलत है और इस पर ऊपर वाले का आशीर्वाद नहीं मिलेगा।
डॉ. जायसवाल ने यह भी बताया कि फतुहा रेलवे स्टेशन के पास भी एक ऐसा मामला सामने आया है, जहाँ कब्रिस्तान के नाम पर बनाई गई जमीन पर 12 दुकानें बना ली गई हैं और उनसे किराया वसूला जा रहा है। उन्होंने इस मामले के संबंधित दस्तावेज़ भी प्रेस के सामने प्रस्तुत किए।
भाजपा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष डॉ. संजय जायसवाल ने अधिकारियों से अपील की कि वे इन मामलों की जांच करें और दोषियों पर कार्रवाई करें। उन्होंने कहा कि जेपीसी पूरी निष्पक्षता के साथ इन मामलों की जांच कर रही है और इसमें न केवल हिंदू बल्कि मुस्लिम भी पीड़ित हैं।
इस प्रेस वार्ता में फतुहा के भाजपा प्रत्याशी सत्येंद्र सिंह, प्रदेश मीडिया संयोजक दानिश इकबाल, सह मीडिया प्रभारी अमित प्रकाश बबलू, और प्रवक्ता नीरज कुमार उपस्थित थे।