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भाकपा का दो दिवसीय कार्यशाला संपन्न

पटना। भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी की 04 अक्टूबर से चल रही जिला सचिवों की दो दिवसीय कार्यशाला आज शनिवार को संपन्न हुयी। कार्यशाला का उद्धाटन पार्टी के राष्ट्रीय सचिव के. नारायणा ने की जबकि विषय प्रवेश राज्य सचिव रामनरेश पाण्डेय द्वारा किया गया। दो दिवसीय कार्यशाला में 26 दिसम्बर से शुरू हो रहे पार्टी के शताब्दी वर्ष, अगले साल 2025 में होने वाले बिहार विधान सभा चुनाव, बिहार में बाढ़ की विभीषिका, प्रीपेड स्मार्ट मीटर के खिलाफ उठ रहे जनाक्रोश, बिहार में गिरती कानून व्यवस्था, बिहार भूमि सर्वेक्षण आदि मुद्दों पर चर्चा की गई। कार्यशाला का उदघाटन करते हुए राष्ट्रीय सचिव के. नारायणा ने कहा कि सीपीआई का शताब्दी वर्ष 20 दिसम्बर, 2024 से शुरू हो रहा है और 26 दिसम्बर 2025 तक चलेगा। इस दौरान सभी स्तरों पर समारोह आयोजित किये जायेंगे। इसकी तैयारी अभी से जिलों में शुरू कर दी जाय। केंद्र और राज्य सरकार सभी मोर्चे पर विफल है। बिहार की जनता बाढ़ की त्रासदी झेल रही है, लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अभी तक बिहार के बाढ़ पर कुछ नहीं बोले है। राज्य सरकार बाढ़ पीड़ितो को सहायता उपलब्ध कराने में विफल है। केंद्र और राज्य सरकार बाढ़ पीड़ितों को सहायता मुहैया कराने की गारंटी करें।

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राष्ट्रीय सचिव व पूर्व सांसद नागेंद्र नाथ ओझा ने कहा कि मोदी सरकार के कार्यकाल में गरीबों, मजदूरों, महिलाओं, अल्पसंख्यक, दलितों, आदिवासियों पर हमले बढ़े हैं। देश की जनता महँगाई से त्रस्त है। लोकसभा चुनाव के बाद महंगाई में उछाल आ गई है। खाद्य वस्तुओं की कीमत लगातार बढ़ती जा रही है। केंद्र और राज्य सरकार महँगाई रोकने में पूरी तरह विफल साबित हुई है।

भाकपा के राज्य सचिव रामनरेश पाण्डेय कहा कि भूमि सर्वे का नाम पर हो रहे लूट के खिलाफ 15 अक्टूबर, 2024 को सभी भूमि सर्वे शिविरों पर धरना, प्रदर्शन किया जायेगा। बिहार में सीपीआई के स्थापना का 85वाँ वर्ष 20 अक्टूबर को पूरा हो रहा है। 85वाँ स्थापना दिवस समारोह 20-21 अक्टूबर, 2024 को लखीसराय में मनाया जाएगा। उक्त अवसर पर विशाल सभा का आयोजन किया गया है जिसे पार्टी के महासचिव का. डी. राजा के अलावे अन्य केन्द्रीय नेता संबोधित करेंगे। पार्टी के पूर्व राष्ट्रीय महासचिव कॉमरेड एबी बर्धन का शताब्दी वर्ष 25 सितंबर, 2024 से ही शुरू है, पूरे वर्ष कार्यक्रम आयोजित किये जायेंगे। कार्यशाला में प्रीपेड स्मार्ट मीटर के खिलाफ आंदोलन तेज करने पर चर्चा की गई। स्मार्ट मीटर लगाये जाने से आम बिजली उपभोक्ता पेरशान है। स्मार्ट मीटर ठीक से काम नहीं कर रहा है तथा लगातार उपभोक्ताओं को गलत बिल आ रहा है। भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी मांग करती है कि स्मार्ट प्रीपेड मीटर योजना को बंद किया जाय तथा बिजली उपभोक्ताओं को पूर्व की भांति परम्परागत से चली आ रही मीटर को लगाया जाय। साथ ही बाढ़ एवं सूखाग्रस्त जिले के लोगों का बिजली बील माफ किया जाय तथा किसानों को 300 यूनिट फ्री बिजली दिया जाय। कार्यशाला की अध्यक्षता प्रभाकर सिंह एवं प्रभात कुमार पाण्डेय ने की।

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