धनबाद विधानसभा सीट: झारखंड में कभी भी विधानसभा चुनाव की घोषणा हो सकती है, और सभी पार्टियां अपनी तैयारियों को तेज़ी से आगे बढ़ा रही हैं। कांग्रेस पार्टी में प्रत्याशियों की सूची काफ़ी लंबी हो गई है, जहाँ एक-एक सीट के लिए दर्जनों नेता अपनी दावेदारी पेश कर रहे हैं। इस स्थिति ने कांग्रेस आलाकमान के लिए प्रत्याशी का चयन एक बड़ी चुनौती बना दिया है। हाल ही में धनबाद जिले के बाघमारा, पुटकी और झरिया विधानसभा क्षेत्रों में आयोजित जनसंवाद अभियान कार्यक्रम के दौरान कांग्रेस के भीतर की अंतर्कलह उजागर हो गई थी। गुटबाज़ी के चलते दावेदार नेताओं के समर्थकों के बीच हाथापाई की घटनाएँ सामने आई थीं।
धनबाद विधानसभा सीट के लिए कांग्रेस के 57 नेताओं ने अपनी दावेदारी प्रस्तुत की है। सभी दावेदार खुद को सबसे मज़बूत विकल्प बता रहे हैं। कुछ पिछड़ा वर्ग से होने का दावा कर रहे हैं, तो कुछ न्याय यात्रा के दौरान बेहतर प्रदर्शन करने पर राहुल गांधी द्वारा हस्ताक्षरित टी-शर्ट प्राप्त करने से आश्वस्त दिखाई दे रहे हैं। उनका मानना है कि यह टी-शर्ट उनके लिए टिकट की गारंटी साबित हो सकती है। कांग्रेस के पूर्व विधायक मन्नान मलिक अब बुजुर्ग हो चुके हैं और उनका स्वास्थ्य भी ठीक नहीं है, हालांकि पिछले चुनाव में उन्होंने वर्तमान भाजपा विधायक राज सिन्हा को कड़ी टक्कर दी थी। कांग्रेस अब उनके विकल्प के रूप में नए प्रत्याशी की तलाश कर रही है।
धनबाद विधानसभा सीट से कांग्रेस के प्रमुख दावेदारों में जिला कार्यकारी अध्यक्ष रसीद रज़ा, मयूर शेखर झा, अभिजीत राज, अशोक सिंह, प्रभात सुरुलिया, वैभव सिन्हा, विजय सिन्हा, रणविजय सिंह और विजेंद्र सिंह शामिल हैं। हाल ही में कांग्रेस ने बाघमारा विधानसभा क्षेत्र के श्यामडीह में जनसंवाद अभियान कार्यक्रम का आयोजन किया था। इस दौरान पूर्व विधायक जलेश्वर महतो और कांग्रेस नेता रोहित यादव के समर्थकों के बीच नारेबाज़ी को लेकर विवाद शुरू हुआ, जो बाद में मारपीट में बदल गया। इसके बावजूद, पूर्व केंद्रीय मंत्री सुबोधकांत सहाय ने कहा कि कांग्रेस कार्यकर्ताओं में इस बार पूरा जोश है और वे जहां भी लड़ेंगे, जीतने की उम्मीद है।