पटना: बिहार सरकार ने सभी सरकारी विद्यालयों के शिक्षकों के स्थानांतरण-पदस्थापन की नई नीति की घोषणा की है। यह नीति शिक्षकों को दुर्गापूजा के मौके पर एक बड़ा तोहफा है। नई नीति के तहत, वे शिक्षक जो स्वयं, उनके पति-पत्नी या बच्चे असाध्य रोगों जैसे कैंसर, डायलिसिस, किडनी ट्रांसप्लांट, जन्मजात हृदय रोग, बाईपास सर्जरी, ब्रेन हेमरेज, लिवर सिरोसिस, या अन्य गंभीर बीमारियों से ग्रस्त हैं, उन्हें विकल्प वाले पंचायत, नगर निकाय, प्रखंड, अनुमंडल या जिले में ऐच्छिक पदस्थापन की सुविधा मिलेगी। इसके साथ ही विधवा, परित्यक्ता, और महिला शिक्षकों का भी उनके विकल्प वाली पंचायत या नगर निकाय में ऐच्छिक पदस्थापन होगा।हालांकि, यह ऐच्छिक पदस्थापन स्वयं की गृह पंचायत-नगर निकाय, पति-पत्नी की गृह पंचायत-नगर निकाय, और वर्तमान पदस्थापन की पंचायत-नगर निकाय में नहीं किया जाएगा। शिक्षिका के पति के पदस्थापन के आधार पर उनकी पोस्टिंग भी इसी प्रकार की जाएगी। इसके अतिरिक्त, सभी पुरुष शिक्षकों का पदस्थापन जिला के दिए गए विकल्प के आधार पर होगा, लेकिन गृह अनुमंडल में नहीं।दिव्यांगता की श्रेणी में उन शिक्षकों को शामिल किया जाएगा जो दृष्टि बाधित, मूक बधिर, अस्थि दिव्यांग, मनोविकार या अन्य गंभीर मानसिक दिव्यांगता के शिकार हैं। इन सभी शिक्षकों से 10 विकल्प लिए जाएंगे।
**शिक्षकों के हित में नई नीति: शिक्षा मंत्री**
शिक्षा मंत्री सुनील कुमार ने सोमवार को एक पत्रकार सम्मेलन में नई नीति की घोषणा की। उन्होंने कहा कि यह नीति शिक्षकों के हित में बनाई गई है और इसमें उनकी सुविधाओं का पूरा ध्यान रखा गया है। सक्षमता परीक्षा पास, बिहार लोक सेवा आयोग (बीपीएससी) से नियुक्त, और पहले से नियुक्त पुराने वेतनमान वाले शिक्षक पदस्थापन के लिए ऑनलाइन आवेदन कर सकेंगे। इसके लिए साफ्टवेयर का ट्रायल चल रहा है और जल्द ही आवेदन लेने की तिथि घोषित की जाएगी। दिसंबर में पदस्थापन किया जाएगा। सक्षमता परीक्षा पास शिक्षक जिस विद्यालय में पोस्टिंग पाएंगे, वहां योगदान के दिन से सरकारी सेवक बन जाएंगे। इस नीति से डेढ़ लाख शिक्षकों की काउंसलिंग हो चुकी है, और जिनकी काउंसलिंग नहीं हुई है, उन्हें समय दिया जाएगा।