हरियाणा में नई सरकार के गठन की प्रक्रिया बुधवार को भाजपा विधायक दल की बैठक से शुरू होगी। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव की मौजूदगी में पंचकूला स्थित भाजपा कार्यालय में पार्टी के विधायक अपने नेता का चयन करेंगे। इसी बैठक में तय होगा कि हरियाणा का अगला मुख्यमंत्री कौन बनेगा। नायब सिंह सैनी, राव इंद्रजीत सिंह, और अनिल विज में से किसी एक के नाम पर मुहर लगेगी। भाजपा ने अपने सभी 48 विधायकों को अगले दो दिनों तक चंडीगढ़ में ही रुकने के निर्देश दिए हैं। विधायक दल का नेता चुनने से पहले सभी विधायक अमित शाह और मोहन यादव के साथ नाश्ते पर मुलाकात करेंगे, जिसके बाद नेता चुनने की प्रक्रिया आरंभ होगी।
अमित शाह की उपस्थिति क्यों जरूरी
मार्च में जब विधायक दल की बैठक में नायब सिंह सैनी का नाम प्रस्तावित किया गया, तो अनिल विज नाराज होकर बैठक से बाहर चले गए थे। चुनाव से पहले अनिल विज ने मुख्यमंत्री पद के लिए अपनी दावेदारी पेश की थी। केंद्रीय मंत्री राव इंद्रजीत सिंह भी अपनी दावेदारी समय-समय पर जताते रहे हैं। इस प्रकार के विवादों से बचने के लिए अमित शाह को पर्यवेक्षक की भूमिका दी गई है। इससे पहले 2022 में शाह ने यूपी में भाजपा विधायक दल की बैठक में केंद्रीय पर्यवेक्षक के रूप में भाग लिया था, जहां योगी आदित्यनाथ के नाम पर सहमति बनी थी।
नायब सिंह सैनी के नाम पर शाह की मुहर
सूत्रों के अनुसार, विधायक दल की बैठक में केंद्रीय पर्यवेक्षक द्वारा एक वरिष्ठ विधायक को प्रस्तावक नियुक्त किया जाएगा, जो नायब सिंह सैनी का नाम प्रस्तावित करेंगे। इसके बाद सर्वसम्मति से सभी विधायक उनके नाम पर सहमति देंगे। भाजपा ने पहले ही नायब सिंह सैनी के नेतृत्व में चुनाव लड़ा था, और अमित शाह ने पंचकूला में एक बैठक के दौरान घोषणा की थी कि भाजपा सरकार बनने पर नायब सिंह सैनी ही मुख्यमंत्री होंगे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी अपनी रैलियों में उन्हें अगले मुख्यमंत्री के रूप में प्रस्तुत किया था। इसलिए उनके नाम को लेकर किसी प्रकार का संदेह नहीं है।
मुख्यमंत्री चयन के बाद सरकार बनाने का दावा
विधायक दल के नेता का चयन होने के बाद राज्यपाल के पास सरकार बनाने का दावा पेश किया जाएगा। इसके साथ ही शपथ ग्रहण करने वाले मंत्रियों की सूची भी राज्यपाल को सौंपी जाएगी। शपथ ग्रहण समारोह 17 अक्टूबर को पंचकूला के दशहरा ग्राउंड में आयोजित किया जाएगा।