नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 22-23 अक्टूबर को रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के निमंत्रण पर रूस के कज़ान में आयोजित ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में शामिल होंगे। इस दौरान पीएम मोदी ब्रिक्स के सदस्य देशों के नेताओं के साथ द्विपक्षीय बैठकें भी कर सकते हैं। उल्लेखनीय है कि पीएम मोदी इस साल जुलाई में भी रूस का दौरा कर चुके हैं। 8 जुलाई को, पीएम मोदी रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के निमंत्रण पर 22वें भारत-रूस वार्षिक शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेने पहुंचे थे। उस यात्रा के दौरान उन्होंने व्यापार, रक्षा, और द्विपक्षीय संबंधों के व्यापक पहलुओं पर पुतिन के साथ वार्ता की। इसी यात्रा के दौरान पीएम मोदी को रूस के सर्वोच्च नागरिक सम्मान “ऑर्डर ऑफ सेंट एंड्रयू द एपोस्टल” से सम्मानित किया गया था। दोनों नेताओं ने रूस-यूक्रेन युद्ध पर भी विचार-विमर्श किया। फरवरी 2022 में यूक्रेन पर रूस के आक्रमण के बाद यह पीएम मोदी की पहली रूस यात्रा थी। इसके बाद, उन्होंने पोलैंड से ट्रेन के जरिए यूक्रेन का भी दौरा किया और राष्ट्रपति वलोडिमिर जेलेंस्की से मुलाकात की।
ब्रिक्स शिखर सम्मेलन क्या है?
ब्रिक्स एक अंतरराष्ट्रीय संगठन है, जिसमें ब्राजील, रूस, भारत, चीन, और दक्षिण अफ्रीका शामिल हैं। हाल ही में मिस्र, इथियोपिया, ईरान, सऊदी अरब और संयुक्त अरब अमीरात भी इसके सदस्य बने हैं। नई सदस्यता के साथ, ब्रिक्स अब दुनिया की 45% आबादी और 28% वैश्विक अर्थव्यवस्था का प्रतिनिधित्व करता है।
सम्मेलन में अन्य प्रमुख नेता भी होंगे शामिल
रूस के कज़ान में आयोजित इस ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में पीएम मोदी के अलावा चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग भी भाग लेंगे। यह लगभग एक साल बाद पहली बार होगा जब पीएम मोदी और शी जिनपिंग एक मंच पर होंगे। इससे पहले, अगस्त 2023 में दक्षिण अफ्रीका में ब्रिक्स शिखर सम्मेलन के दौरान दोनों नेताओं की मुलाकात हुई थी। इसके अलावा, ईरान के राष्ट्रपति मसूद पजेश्कियान और फिलिस्तीन के राष्ट्रपति महमूद अब्बास भी इस सम्मेलन में शामिल होंगे। रूस-यूक्रेन युद्ध को समाप्त करने के लिए भारत द्वारा दिए गए शांति सहयोग प्रस्ताव पर रूसी राजनयिक सूत्रों ने कहा है कि रूस ऐसे सभी प्रयासों का सम्मान करता है, लेकिन यूक्रेन अपनी शर्तों पर ही शांति समझौते की बात करना चाहता है। वर्तमान स्थिति में, न तो रूस और न ही यूक्रेन किसी समझौते के लिए तैयार हैं।