किशनगंज:किशनगंज में आयोजित सभा में केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने कहा कि देश आज भी नेहरू की नीतियों का खामियाजा भुगत रहा है। उन्होंने कहा कि 1947 में देश के विभाजन के समय डॉ. भीमराव आंबेडकर ने सुझाव दिया था कि सभी मुसलमानों को पाकिस्तान भेजा जाए और हिंदुओं को भारत लाया जाए, लेकिन नेहरू ने इस सुझाव को नहीं माना। इसका परिणाम यह है कि आज सीमावर्ती इलाकों में हिंदुओं के साथ अत्याचार हो रहा है और बड़ी संख्या में बांग्लादेशी और रोहिंग्या घुसपैठिए यहां मौजूद हैं। उन्होंने कहा कि इन घुसपैठियों से डरने की बजाय हमें एकजुट होकर इसका सामना करना चाहिए। यह बातें उन्होंने हिंदू स्वाभिमान यात्रा के पहले चरण के अंतिम दिन मंगलवार को किशनगंज में कही।
गिरिराज सिंह ने आरोप लगाया कि इन इलाकों में लव जिहाद के माध्यम से हिंदू लड़कियों के साथ अत्याचार किया जा रहा है, और हिंदुओं को एकजुट होकर इसका विरोध करना चाहिए। उन्होंने कहा कि इस क्षेत्र के कई हिस्सों में हिंदू अब अल्पसंख्यक हो गए हैं, जिससे यहां आपसी एकता और भी जरूरी हो गई है। उन्होंने आगे कहा कि जब तक हिंदू संगठित नहीं होंगे, यह यात्रा जारी रहेगी। उन्होंने किशनगंज की स्थिति की तुलना कश्मीर से करते हुए कहा कि कुछ लोग यहां भी वैसा ही माहौल बनाना चाहते हैं, लेकिन हम यहां से जाने वाले नहीं हैं।उन्होंने दावा किया कि बांग्लादेशी और रोहिंग्या घुसपैठियों की बढ़ती संख्या के कारण हिंदू मंदिरों को तोड़ा जा रहा है और पूजा-पाठ करने से रोका जा रहा है। इसके साथ ही, उन्होंने ईसाई मिशनरियों द्वारा गरीब हिंदुओं के मतांतरण का भी मुद्दा उठाया और कहा कि हमें जाति-व्यवस्था से ऊपर उठकर एकजुट होना चाहिए ताकि इस तरह की गतिविधियों का विरोध किया जा सके।
इसके पूर्व गांधी चौक पर कलश लेकर साथ चल रहीं महिलाओं को पुलिस द्वारा मंत्री के काफिले से आगे बढ़ा दिया गया। इससे वे आक्रोशित हो गए। डीएम-एसपी से बात की। वहीं धरना पर बैठने की बात कहते हुए उन्होंने सड़क पर हनुमान चालीसा का पाठ किया। इसके बाद पुलिस-प्रशासन ने कलश यात्रा में शामिल महिलाओं को वापस बुलाया।