Patna:नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव के जन्मदिन पर शनिवार को उनके पिता लालू प्रसाद यादव ने एक पत्र लिखा है. पत्र के साथ ही तेजस्वी यादव की बचपन की कुछ तस्वीरें भी लालू यादव और माँ राबड़ी देवी के साथ जारी की गई हैं. इसमें तेजस्वी अपने माता-पिता के साथ हर्षित दिख रहे हैं. तेजस्वी यादव के 35 वें जन्मदिन पर लालू यादव के इस पत्र में वे बेटे को लेकर अपनी अपेक्षा भी बता रहे हैं.
लालू ने पत्र में लिखा है – प्रिय तेजस्वी, तुम्हारे जन्मदिन पर परमात्मा से प्रार्थना करते हैं कि परम पिता आपको हिम्मत, हौसला, ताक़त, सेहत, ऊर्जा, आत्मबल और अटूट इच्छा शक्ति प्रदान करे। जनसेवा के जिस पथ पर तुम चल रहे हो उस पर बिना थके, बिना झुके जनता की निरंतर सेवा करते हुए आगे बढ़ते रहो। समाजवाद की मशाल को अपने खून पसीने से रोशन करते रहें।
संविधान, सामाजिक न्याय, धर्मनिरपेक्षता व लोकतंत्र की रक्षा और गरिमा को सुरक्षित रखने के लिए अपना सर्वस्व अर्पण करने के लिए सदैव तैयार रहें। आपके सारे वचन और सारी कसमें पूर्ण हों, फिर चाहे वह नौजवानों को नौकरी रोज़गार दिलाने की बात हो, स्वास्थ्य शिक्षा और सुरक्षा की बात हो, किसान और मज़दूर के हक़ की बात हो, माताओं, बहनों और दीदियों के सम्मान की बात हो। आप अपने सभी संकल्पों को हर हाल में पूरा कर पाएं यही आशा, प्रार्थना और दुआ करता हूँ।
तुम सार्वजनिक जीवन में हो, जब कभी भी तुम्हें लगे कि तुम हताश और निराश हो सीधा बिना सोचे-समझे अपने जनता मालिकों के बीच चले जाना। सदैव सकारात्मक, ऊर्जावान, प्रगतिशील, कार्यशील, अनुशासित, कर्मठ, समर्पित, चरित्रवान, सैद्धांतिक, वफ़ादार, ईमानदार और वैचारिक लोगों को तरजीह देना। फ़क्र है पिता की इन सीख सलाह पर तुम शुरू से अमल कर रहे हो। व्यक्ति पद और सत्ता से नहीं बल्कि विचार और चरित्र से बड़ा होता है। सिद्धांतहीन व्यक्ति को ना आवाम दिलों में जगह देती है और ना इतिहास और जमात!मैं जानता हूँ की तुम जो कहते हो वो करते हो। जितना तुम काम के धुनी, कमिटमेंट के पक्के और इरादों के जिद्दी हो उतना ही बड़े-बुजुर्गों का कहावक व आदेश मानने में मुलायम।आज पूरा बिहार तुम्हारी तरफ उम्मीद भरी नज़रों से देख रहा है उनकी सारी उम्मीदों पर खरा उतरिएगा, उनका साथ दीजियेगा उनकी शक्ति बनियेगा। संकल्पित और समर्पित भाव से सभी को साथ लेकर क़ामयाबी, तरक़्क़ी, और परिवर्तन के रास्ते पर बिहार को आगे बढ़ाने का काम करते रहिये। करते रहिये… लड़ते रहिये… जीतते रहिये…35 वर्ष की उम्र में तुमने इतने उतार-चढ़ाव देखे हैं, बहुत कुछ सीखा और सिखाया भी है। कभी-कभार सोचता हूँ कि 25 से 35 वर्ष की आयु उम्र में हम क्या थे, क्या आचार-विचार, सपने-लक्ष्य थे और अब तुम्हारा देखता हूँ तो मुझे ख़ुशी और गर्व होता है। बिहार के जन जन का जीवन यशस्वी और तेजस्वी बने इसके लिए कुल देवी-देवता तुम पर अपनी कृपा और आशीर्वाद बनाए रखें। तुम जनता के थे, जनता के हो और सदा जनता के ही रहोगे।ढेर सारा प्यार और खूब खूब आशीर्वाद। जन्मदिन बहुत बहुत मुबारक हो बाबू।