NEW DELHI:संसद के शीतकालीन सत्र के पहले दिन सोमवार को लोकसभा और राज्यसभा में जोरदार हंगामा हुआ। दोनों सदनों में विपक्षी सांसदों ने अमेरिका में अदाणी समूह के खिलाफ लगे आरोपों और उत्तर प्रदेश के संभल में हुई हिंसा पर चर्चा की मांग की। इसके अलावा, राज्यसभा में मणिपुर हिंसा और केरल के वायनाड में आई आपदा के मुद्दे पर भी स्थगन प्रस्ताव दिए गए। लेकिन इन सभी मुद्दों पर चर्चा नहीं हो पाई, और विपक्षी सांसदों के हंगामे के कारण दोनों सदनों को बुधवार तक के लिए स्थगित कर दिया गया।
राज्यसभा में विपक्षी नेताओं ने मणिपुर हिंसा, केरल आपदा और अदाणी समूह के खिलाफ अमेरिकी अभियोजकों द्वारा रिश्वतखोरी के आरोपों पर चर्चा की मांग की। कांग्रेस के मल्लिकार्जुन खरगे, माकपा के जॉन ब्रिटास, प्रमोद तिवारी, नीरज डांगी, अखिलेश प्रसाद सिंह और आम आदमी पार्टी के संजय सिंह ने इन मुद्दों पर नोटिस दिया था। साथ ही, आम आदमी पार्टी के राघव चड्ढा सहित विपक्षी दलों के कुछ सदस्य संभल हिंसा और मणिपुर हिंसा पर भी चर्चा चाहते थे।
हालांकि, सभापति धनखड़ ने इन सभी नोटिसों को अस्वीकार कर दिया। इसके बाद, विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खरगे ने अपनी बात रखने का मौका मांगा। खरगे ने कहा कि अदाणी समूह के खिलाफ आरोप गंभीर हैं और अगर इस मुद्दे पर चर्चा नहीं होती तो यह देश की छवि को और भी नुकसान पहुंचाएगा। उन्होंने आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अदाणी का समर्थन कर रहे हैं, जबकि वैश्विक स्तर पर देश की छवि खराब हुई है।
लेकिन सभापति ने खरगे को बोलने का मौका नहीं दिया, क्योंकि उन्होंने पहले ही इन नोटिसों को अस्वीकार कर दिया था। इसके बाद कांग्रेस और अन्य विपक्षी दलों के सदस्य अपने स्थान से खड़े हो गए और आसन से खरगे को बोलने देने की मांग करते रहे। विपक्ष के हंगामे के कारण दोनों सदनों में शून्यकाल और प्रश्नकाल नहीं हो पाए।