70th BPSC : 70वीं बिहार लोक सेवा आयोग (BPSC) परीक्षा में नॉर्मलाइजेशन न लागू करने और एक परीक्षा में एक प्रश्नपत्र की मांग को लेकर शुक्रवार को बड़ी संख्या में छात्रों ने सड़कों पर उतरकर प्रदर्शन किया। इस दौरान छात्रों और पुलिस के बीच जमकर हंगामा हुआ, और पुलिस ने भीड़ को नियंत्रित करने के लिए लाठीचार्ज किया। जब प्रदर्शनकारी बीपीएससी कार्यालय की ओर बढ़े, तो पुलिस ने बल का प्रयोग किया और कुछ छात्रों को हिरासत में लिया, जिसमें छात्र नेता दिलीप भी शामिल थे।
प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी कराने वाले शिक्षक खान सर ने भी बड़ी संख्या में छात्रों के साथ सड़कों पर उतरकर बीपीएससी के खिलाफ विरोध जताया। उन्होंने बीपीएससी के अध्यक्ष से यह स्पष्ट करने की मांग की कि नॉर्मलाइजेशन लागू नहीं होगा। इसके साथ ही उन्होंने बीपीएससी पर भ्रामक जानकारी देने का आरोप भी लगाया। इसी तरह, शिक्षक रहमान सर ने भी छात्रों के पक्ष में अपनी आवाज उठाई।
छात्र नेता दिलीप ने कहा कि उनकी यह मांग पहले से रही है कि नॉर्मलाइजेशन लागू न किया जाए और एक परीक्षा में एक ही प्रश्नपत्र हो। उन्होंने इसे लाखों अभ्यर्थियों के भविष्य से खेलना बताया और कहा कि बीपीएससी के अध्यक्ष को इस मुद्दे पर जवाब देना चाहिए। दिलीप ने यह भी कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने दो साल पहले ही नॉर्मलाइजेशन और परसेंटाइल को लागू नहीं करने की बात की थी। उन्होंने यह भी बताया कि देश की किसी सिविल सेवा परीक्षा में यह प्रणाली लागू नहीं है। यदि बीपीएससी अपना फैसला नहीं बदलता और एक सेट में प्रश्नपत्र नहीं देता, तो उनका प्रदर्शन जारी रहेगा।

दरअसल, 70वीं बिहार लोक सेवा आयोग की परीक्षा 13 दिसंबर को राज्य के 925 सेंटर्स पर होगी, जिसमें लगभग 4.8 लाख अभ्यर्थियों ने आवेदन किया है। कुछ अभ्यर्थी दावा कर रहे हैं कि इस बार बीपीएससी परीक्षा में नॉर्मलाइजेशन लागू करने की योजना बना रहा है, जिससे छात्रों में नाराजगी है। सोशल मीडिया पर भी अभ्यर्थी अपना विरोध जता रहे हैं, और अब सड़कों पर उतरकर विरोध करने का मन बना चुके हैं। हालांकि, बीपीएससी ने नॉर्मलाइजेशन लागू करने के दावे को सिरे से खारिज किया है और एक दिन पहले ही स्पष्ट कर दिया था कि यह प्रणाली लागू नहीं होगी। फिर भी पटना में बीपीएससी कार्यालय के बाहर छात्रों ने बड़ी संख्या में प्रदर्शन किया।
नॉर्मलाइज़ेशन क्या है
नॉर्मलाइज़ेशन एक प्रक्रिया है, जिसके ज़रिए किसी परीक्षा में मिले अंकों को सामान्य किया जाता है. यह प्रक्रिया, तब अपनाई जाती है, जब एक से ज़्यादा पालियों में परीक्षा आयोजित की जाती है. नॉर्मलाइज़ेशन की मदद से, परीक्षा में मिले अंकों के आधार पर कैंडिडेट्स का प्रतिशत स्कोर निकाला जाता है.