मुंबई:भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) की मौद्रिक नीति समिति, जिसकी अध्यक्षता गवर्नर शक्तिकांत दास कर रहे थे, ने रेपो दर को 6.5 प्रतिशत पर स्थिर रखने का निर्णय लिया है। इसके साथ ही, आरबीआई ने कृषि लोन के लिए कोलेटरल लिमिट (सुरक्षा राशि) को प्रति उधारकर्ता 1.6 लाख रुपये से बढ़ाकर 2 लाख रुपये करने का ऐलान किया है। इस कदम का उद्देश्य किसानों को अधिक वित्तीय सहायता प्रदान करना और कृषि क्षेत्र में लोन की उपलब्धता को बढ़ावा देना है।
शक्तिकांत दास ने कहा कि कोलेटरल-फ्री कृषि लोन की सीमा को आखिरी बार 2019 में संशोधित किया गया था। कृषि इनपुट लागत और समग्र महंगाई में वृद्धि को ध्यान में रखते हुए, यह निर्णय लिया गया है कि अब प्रति उधारकर्ता कोलेटरल-फ्री कृषि लोन की सीमा 1.6 लाख रुपये से बढ़ाकर 2 लाख रुपये की जाएगी। इससे छोटे और सीमांत किसानों को और अधिक लोन प्राप्त करने में सुविधा होगी।
दिसंबर 2024 के द्विमासिक मौद्रिक नीति वक्तव्य में गवर्नर शक्तिकांत दास ने बताया कि इस फैसले से कृषि क्षेत्र के लिए ज्यादा लोन उपलब्ध हो सकेगा। साथ ही, यह बैंकों को प्राथमिकता क्षेत्र लोन (PSL) के तहत छोटे और सीमांत किसानों के लिए आवश्यक लोन की जरूरतों को पूरा करने में मदद करेगा, जो बैंकिंग क्षेत्र के लिए भी एक सकारात्मक कदम है।