यूरिक एसिड खून में प्यूरीन के टूटने से बनने वाला एक केमिकल है।यह शरीर में वेस्ट प्रोडक्ट के रूप में मौजूद रहता है।आमतौर पर यूरिक एसिड पेशाब के जरिए बाहर निकल जाता है।समस्या तब होती है जब यह शरीर से बाहर नहीं निकल पाता।ऐसी स्थिति को ‘हाइपरयुरिसीमिया’ कहा जाता है।
यूरिक एसिड बढ़ने के दुष्प्रभाव
- यूरिक एसिड बढ़ने से सूजन और दर्द होता है।
- जोड़ों की समस्या और किडनी में पथरी हो सकती है।
- यह गठिया के दर्द का कारण भी बनता है।
आहार से यूरिक एसिड को नियंत्रित करें
यूरिक एसिड बढ़ने का मुख्य कारण गलत खान-पान है।
सर्दियों में हरी सब्जियां आसानी से उपलब्ध होती हैं।
पालक, मेथी, आलू और मूली के परांठे सर्दियों में खूब खाए जाते हैं।
मूली यूरिक एसिड कम करने में खास मदद करती है।
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मूली कैसे फायदेमंद है?
- मूली में पोषक तत्व प्यूरीन के संचय को रोकते हैं।
- यह ऑक्सालेट स्टोन को कम करके बाहर निकालने में मदद करती है।
- मूली एक एंटी-इंफ्लेमेटरी सब्जी है।
- यह हड्डियों के दर्द और सूजन को कम करती है।
मूली का साग भी उपयोगी
- मूली का साग पेट की सफाई में मदद करता है।
- इससे विषाक्त पदार्थ मल और मूत्र के जरिए बाहर निकलते हैं।
- इसे रोजाना खाने से यूरिक एसिड नियंत्रण में रहता है।
- यह ब्लड शुगर को भी नियंत्रित कर सकता है।सर्दियों में मूली और उसका साग स्वास्थ्य के लिए बहुत फायदेमंद है।