पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री और तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) की प्रमुख ममता बनर्जी ने विपक्षी गठबंधन *इंडिया ब्लॉक* के कामकाज पर असंतोष जाहिर करते हुए इसे बेहतर तरीके से प्रबंधित करने की इच्छा जताई है। उन्होंने कहा कि अगर मौका मिला, तो वह गठबंधन की कमान संभालने और इसे सुचारू रूप से चलाने की जिम्मेदारी उठाने को तैयार हैं।
**इंडिया ब्लॉक को लेकर ममता की टिप्पणी**
एक चैनल को दिए इंटरव्यू में ममता ने कहा, *”मैंने इंडिया ब्लॉक का गठन किया था। अब इसका प्रबंधन इसकी नेतृत्वकर्ता पार्टियों पर है। अगर वे इसे सही से नहीं चला सकते, तो मैं क्या कर सकती हूं? सभी को साथ लेकर चलना होगा।”*
जब उनसे पूछा गया कि वह इस गठबंधन की कमान क्यों नहीं संभाल रही हैं, तो ममता ने कहा, *”अगर मुझे मौका मिला, तो मैं इसे सुचारू रूप से चलाऊंगी। मैं बंगाल से बाहर नहीं जाना चाहती, लेकिन मैं इसे यहीं से प्रबंधित कर सकती हूं।”*
गौरतलब है कि इंडिया ब्लॉक भाजपा का मुकाबला करने के लिए गठित एक विपक्षी मोर्चा है, जिसमें 24 से अधिक दल शामिल हैं। हालांकि, आंतरिक मतभेद और समन्वय की कमी के कारण इसकी आलोचना हो रही है।
**कांग्रेस और अन्य सहयोगियों पर निशाना**
ममता की यह टिप्पणी टीएमसी सांसद कल्याण बनर्जी के हालिया बयान के बाद आई है, जिसमें उन्होंने कांग्रेस और अन्य सहयोगियों से अपने अहंकार को छोड़कर ममता को गठबंधन का नेता मानने का आह्वान किया था।
**भाजपा और विपक्षी गठबंधन का प्रदर्शन**
हाल ही में हुए चुनावों में महाराष्ट्र में भाजपा के नेतृत्व वाले महायुति गठबंधन ने ऐतिहासिक जीत हासिल की, जबकि झारखंड में इंडिया ब्लॉक ने झामुमो के शानदार प्रदर्शन की बदौलत वापसी की। कांग्रेस ने झारखंड में सत्तारूढ़ झामुमो के जूनियर पार्टनर की भूमिका निभाई, जबकि महाराष्ट्र में उसका प्रदर्शन अब तक का सबसे खराब रहा।
**टीएमसी में उत्तराधिकारी को लेकर ममता का रुख**
टीएमसी में नेतृत्व को लेकर चल रही चर्चा के बीच ममता बनर्जी ने कहा कि उनके उत्तराधिकारी पर कोई भी फैसला पार्टी के सामूहिक नेतृत्व द्वारा लिया जाएगा, न कि व्यक्तिगत रूप से। उन्होंने स्पष्ट किया, *”मैं पार्टी नहीं हूं, हम पार्टी हैं। यह एक सामूहिक परिवार है, और निर्णय भी सामूहिक रूप से होंगे।”*
पार्टी में *पुराने बनाम नए* नेताओं की बहस पर संतुलित रुख अपनाते हुए ममता ने कहा, *”आज के नए लोग कल के अनुभवी होंगे।”* हालांकि, पार्टी ने अभी तक उत्तराधिकार की कोई औपचारिक योजना घोषित नहीं की है।
**पार्टी में आंतरिक खींचतान**
ममता की टिप्पणी ऐसे समय आई है जब पार्टी के पुराने नेताओं और युवा नेताओं के बीच नेतृत्व को लेकर मतभेद की खबरें सामने आ रही हैं। युवा नेताओं को अभिषेक बनर्जी का करीबी माना जाता है, जबकि पुराने नेता ममता के प्रति वफादार माने जाते हैं। ममता ने इस पर टिप्पणी करते हुए कहा, *”टीएमसी एक अनुशासित पार्टी है, जहां कोई भी व्यक्ति अपनी शर्तें तय नहीं कर सकता।”*
**संघर्ष और संतुलन के बीच टीएमसी और ममता**
टीएमसी के भीतर नेतृत्व को लेकर चर्चा और विपक्षी गठबंधन में ममता की भूमिका पर उनकी यह टिप्पणी राजनीतिक हलकों में नए समीकरणों का संकेत दे रही है।