पटना। केंद्र सरकार ने प्राथमिक और माध्यमिक शिक्षा के स्तर को बेहतर बनाने के लिए देशभर में बड़े बदलाव करने की योजना बनाई है। शिक्षा मंत्रालय ने पूरे भारत में नए पीएम केंद्रीय विद्यालय और जवाहर नवोदय विद्यालय स्थापित करने का फैसला लिया है। हालांकि, इस योजना के तहत बिहार को कोई लाभ नहीं मिला है। केंद्र सरकार ने बिहार में न तो कोई नया केंद्रीय विद्यालय खोलने की मंजूरी दी है और न ही कोई नया जवाहर नवोदय विद्यालय।
केंद्र सरकार द्वारा जारी सूचना के अनुसार, देशभर में 85 नए पीएम केंद्रीय विद्यालय और 28 नए जवाहर नवोदय विद्यालय खोले जाएंगे। इसके लिए 8,231 करोड़ रुपये का बजट स्वीकृत किया गया है।
बिहार में विरोध के स्वर
बिहार में एक भी नया केंद्रीय विद्यालय न खोले जाने को लेकर व्यापक विरोध शुरू हो गया है। सोशल मीडिया पर लोग इस फैसले के खिलाफ अपनी नाराजगी जाहिर कर रहे हैं। कई लोगों ने केंद्र सरकार पर बिहार के साथ भेदभावपूर्ण व्यवहार करने का आरोप लगाया है।
एक सोशल मीडिया यूजर ने लिखा, *”जम्मू-कश्मीर को 13 केंद्रीय विद्यालय और बिहार को शून्य, यह अस्वीकार्य है। बिहार को अछूत की तरह रखा जा रहा है, जिसका पूरी तरह विरोध होगा।”* वहीं, एक अन्य यूजर ने सवाल उठाते हुए लिखा, *”जब बिहार से सांसद जीताकर केंद्र में सरकार बनती है, तो बिहार की अनदेखी क्यों की जा रही है?”*
बिहार में केंद्रीय विद्यालयों की वर्तमान स्थिति
देशभर में कुल 1,253 केंद्रीय विद्यालय और 661 जवाहर नवोदय विद्यालय संचालित हो रहे हैं। बिहार में फिलहाल केवल 49 केंद्रीय विद्यालय और 39 जवाहर नवोदय विद्यालय हैं। राज्य में कई ऐसे जिले हैं, जहां एक भी केंद्रीय विद्यालय नहीं है। स्थानीय सांसद और जनप्रतिनिधि लंबे समय से इनकी संख्या बढ़ाने की मांग कर रहे हैं।
इस बार मंजूर किए गए 85 नए केंद्रीय विद्यालयों में सबसे अधिक 13 जम्मू-कश्मीर में खुलने वाले हैं। वहीं, अरुणाचल प्रदेश में सबसे ज्यादा 8 नए जवाहर नवोदय विद्यालय खोले जाएंगे। बिहार के लिए यह फैसला निराशाजनक है, क्योंकि राज्य के शैक्षिक ढांचे में सुधार के लिए यह एक बड़ा अवसर हो सकता था।