पटना: बिहार में चल रहे भूमि सर्वेक्षण के बीच, सरकार ने सरकारी जमीनों को अवैध कब्जे से मुक्त कराने का अभियान तेज कर दिया है। बेतिया राज की जमीनों के बाद अब सरकार की नजर *खास महल* की जमीनों पर है। राज्य सरकार ने खास महल की 15,000 एकड़ जमीन को अतिक्रमण मुक्त करने की योजना बनाई है और इसके लिए तैयारियां शुरू कर दी हैं।
खास महल की जमीनें और उनकी स्थिति
बिहार में खास महल की कुल 4,000 एकड़ से अधिक जमीन है, जो 12 जिलों में फैली हुई है। अकेले पटना में 137 एकड़ और बक्सर में 108 एकड़ जमीन खास महल के अंतर्गत आती है। सरकार इन जमीनों पर अवैध कब्जों को हटाने के लिए व्यापक अभियान चलाने की तैयारी में है।
लीज की शर्तों का उल्लंघन
राजस्व एवं भूमि सुधार मंत्री दिलीप जायसवाल ने बताया कि खास महल की जमीनें मुख्यतः आवासीय उपयोग के लिए लीज पर दी गई थीं। लेकिन कई मामलों में लीज की शर्तों का उल्लंघन कर जमीनों का व्यवसायिक इस्तेमाल किया गया है, और यहां तक कि अपार्टमेंट भी बना दिए गए हैं।
मंत्री ने कहा कि खास महल की जमीनों पर दो मंजिल से अधिक निर्माण की अनुमति नहीं है। राजधानी पटना में इस नियम का व्यापक उल्लंघन हुआ है, और इन जमीनों पर 200 करोड़ रुपये से अधिक का टैक्स बकाया है। सरकार इस मुद्दे पर जल्द ही कानून लाने की तैयारी कर रही है।
लीज की विविधता और अवैध कब्जे
जानकारों के अनुसार, खास महल की सभी जमीनें अवैध कब्जे में नहीं हैं। कुछ लोगों को खानदानी लीज मिली हुई है, और जो नियमों का पालन कर रहे हैं, उन्हें टैक्स चुकाने में कोई समस्या नहीं है। हालांकि, कई मामलों में लीज खत्म होने के बाद उसका नवीनीकरण नहीं कराया गया है, या जमीन को अवैध रूप से अन्य लोगों को बेच दिया गया है। ऐसे मामलों को सरकार अवैध कब्जा मान रही है।
सरकार का उद्देश्य है कि या तो लीजधारक तय किराया चुकाएं या जमीन खाली करें। इस अभियान के माध्यम से अवैध कब्जों को हटाने के साथ-साथ सरकारी राजस्व बढ़ाने का भी प्रयास किया जा रहा है।