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JOBS: बिहार में नौकरियों का खुला पिटारा, 2 लाख पदों पर बहाली जल्द

JOBS: बिहार में नौकरियों का खुला पिटारा, 2 लाख पदों पर बहाली जल्ह

पटना : राज्य सरकार दो लाख 34 हजार नए पदों पर नियुक्ति की तैयारी में जुट गई है। विभिन्न विभागों में होने वाली इन नियुक्तियों के लिए जल्द ही विभिन्न आयोगों को अधियाचना भेजी जाएगी। ये नियुक्तियां अगर चालू वित्तीय वर्ष (मार्च 2025) में हो जाती हैं तो मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का 10 लाख युवाओं को सरकारी नौकरी देने का न सिर्फ वादा पूरा होगा, बल्कि यह लक्ष्य को पार कर जाएगा। इस समय दो लाख 11 हजार पदों पर नियुक्ति की प्रक्रिया चल रही है। यह सरकार के विभिन्न आयोगों में प्रक्रियाधीन हैं।
सूत्रों ने बताया कि प्रक्रिया को तेज कर इन पदों को जल्द से जल्द भरने के लिए कहा गया है। नौकरी पाने की आस लगाए बैठे युवाओं के लिए अच्छी खबर यह भी है कि अगले वित्तीय वर्ष 2025-26 की पहली तिमाही में सरकारी सेवकों के अवकाश ग्रहण करने के कारण विभिन्न विभागों में 72 हजार पद रिक्त हो रही हैं। तैयारी यह है कि रिक्तियों के तुरंत बाद इन्हें भरने की प्रक्रिया शुरू कर दी जाए। सुशासन के कार्यक्रम में सात निश्चय के तहत 2020-25 के बीच 10 लाख सरकारी नौकरी और 10 लाख रोजगार देने का लक्ष्य रखा गया था। अबतक सात लाख 17 हजार लोगों को सरकारी नौकरी दी जा चुकी है। रिक्तियों को भरने की वर्तमान प्रक्रिया समय पर पूरी हो जाए तो चालू वित्तीय वर्ष में 10 के बदले 12 लाख लोगों को सरकारी नौकरियां मिल जाएंगी। इनमें से अधिसंख्य नौकरियां शिक्षा, गृह, राजस्व एवं भूमि सुधार, जल संसाधन, खेल सहित अन्य विभागों में दी गई हैं।

 

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24 लाख को रोजगार :
आंकड़े बता रहे हैं कि सात निश्चय दो के तहत अबतक 24 लाख से अधिक लोगों को रोजगार के साधन उपलब्ध करा दिए गए हैं। करीब 10 लाख और लोगों को रोजगार देने की योजना पर काम चल रहा है। यह पूरा हुआ तो 10 के बदले 34 लाख लोग स्वरोजगार प्राप्त कर लेंगे।

 

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एक दिन में रिकार्ड नियुक्ति पत्र :
विधान परिषद सदस्य और जदयू के मुख्य प्रवक्ता नीरज कुमार ने दावा किया कि एक विज्ञापन से एक ही दिन में एक लाख 20 हजार से अधिक शिक्षकों को नियुक्ति पत्र देकर राज्य सरकार ने पूरे देश में रिकार्ड बनाया है। सबसे बड़ी बात यह है कि नियुक्त हुए शिक्षकों में 14 हजार से अधिक दूसरे राज्यों के हैं। हाल के दिनों में शिक्षकों की जितनी नियुक्तियां हुई हैं, उनमें करीब 12 प्रतिशत दूसरे राज्यों के हैं। पड़ोसी उत्तर प्रदेश और झारखंड के ही नहीं, दिल्ली और हरियाणा के युवा भी राज्य में सरकारी नौकरी कर रहे हैं।

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