पटना: संसद में गृह मंत्री अमित शाह द्वारा बाबा साहब भीमराव आंबेडकर से जुड़े बयान को कांग्रेस ने चुनावी मुद्दा बनाने की रणनीति तैयार की है। इसी कड़ी में कांग्रेस की प्रदेश इकाई पार्टी हाईकमान के निर्देश पर *आंबेडकर सम्मान सप्ताह* आयोजित करने जा रही है। यह आयोजन मात्र एक सप्ताह तक सीमित नहीं रहेगा, बल्कि 2025 के विधानसभा चुनाव में भी पार्टी इस मुद्दे को प्रमुखता से उठाएगी।
अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के महासचिव और संगठन प्रभारी केसी वेणुगोपाल ने गृह मंत्री अमित शाह के बयान के खिलाफ उनके इस्तीफे की मांग करते हुए सभी प्रदेश कांग्रेस इकाईयों को *आंबेडकर सम्मान सप्ताह* आयोजित करने का निर्देश दिया है। इस दौरान विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे।
सम्मान सप्ताह के बाद जनवरी के मध्य से कांग्रेस जनता के बीच जाने की योजना बना रही है। पार्टी बाबा साहब आंबेडकर के सम्मान के साथ-साथ अन्य मुद्दों को भी जनता के सामने लाएगी। इनमें कांग्रेस सांसदों और पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी पर झूठे मुकदमों का आरोप प्रमुख रहेगा।
इस मसले पर 26 दिसंबर को अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी की एक बैठक प्रस्तावित है, जिसमें बिहार और दिल्ली के आगामी चुनावों पर चर्चा के साथ-साथ आगे की रणनीति तय की जाएगी। जानकारों का कहना है कि कांग्रेस अनुसूचित जाति और जनजाति के वोट बैंक को फिर से मजबूत करने की कोशिश कर रही है। राज्य में अनुसूचित जाति और जनजाति के वोटरों की संख्या करीब 21-22 प्रतिशत है, जो पिछले कुछ दशकों में कांग्रेस से दूर हो गए हैं।
पार्टी के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष कौकब कादरी का कहना है कि यह केवल चुनाव या वोट बैंक की बात नहीं है। उन्होंने कहा कि संसद में महापुरुषों के अपमान की परंपरा शुरू हो गई है, जो निंदनीय है। कांग्रेस इस मुद्दे पर चुप नहीं रह सकती।
उन्होंने भाजपा पर आरोप लगाया कि उसने विरोध की एक नई परंपरा शुरू की है, जिसमें महापुरुषों और सांसदों का अपमान शामिल हो चुका है। कांग्रेस इस स्थिति का पुरजोर विरोध करेगी।
फिलहाल, कांग्रेस अपनी चुनावी तैयारियों में जुटी हुई है और बाबा साहब के सम्मान व राहुल गांधी के खिलाफ झूठे मुकदमों के मुद्दे पर सत्ता पक्ष पर आक्रामक रुख अपनाती नजर आ रही है।