पटना: राजधानी पटना के गर्दनीबाग धरना स्थल पर 11 दिनों से प्रदर्शन कर रहे बीपीएससी अभ्यर्थियों से मिलने शनिवार को सदर एसडीएम गौरव कुमार के नेतृत्व में अधिकारियों का डेलिगेशन पहुंचा। अधिकारियों ने अभ्यर्थियों से कहा कि पांच लोगों की एक टीम बनाएं, जिसके माध्यम से उनकी मांगों को आगे बढ़ाने की कोशिश की जाएगी।पांच सदस्यों की टीम तो बना दी गई, लेकिन जब टीम से पूछा गया कि उन्हें कहां जाना है, तो एसडीएम ने बताया कि उन्हें आयोग के अध्यक्ष से मिलवाया जाएगा। यह सुनते ही अभ्यर्थी नाराज हो गए और साफ कहा कि उनकी मांग मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से मुलाकात की है, किसी और से नहीं।
प्रदर्शन में शामिल शिक्षाविद गुरु रहमान ने कहा कि अभ्यर्थी नॉर्मलाइजेशन की प्रक्रिया के विरोध में आंदोलन कर रहे हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार के प्रतिनिधियों का आना आंदोलन की सफलता को दर्शाता है। रहमान ने स्पष्ट किया, “पेपर लीक नहीं हुआ है, लेकिन नॉर्मलाइजेशन की प्रक्रिया गलत है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से मेरा अनुरोध है कि परीक्षा का री-एग्जाम करवाएं और इसे एक ही सीटिंग में आयोजित करें।”
अभ्यर्थी रितेश कुमार ने कहा कि अधिकारियों का डेलिगेशन सिर्फ आयोग के अध्यक्ष से मिलने की बात कर रहा था, लेकिन प्रदर्शनकारी इस प्रस्ताव को मानने को तैयार नहीं। उन्होंने दोहराया कि उनकी एकमात्र मांग मुख्यमंत्री से मुलाकात है।एसडीएम गौरव कुमार ने समझाने की कोशिश की कि आयोग एक संवैधानिक संस्था है, और उसकी प्रक्रियाओं के तहत ही कोई कार्रवाई हो सकती है। लेकिन प्रदर्शनकारी किसी भी बात को सुनने के लिए तैयार नहीं हुए, जिसके बाद अधिकारियों को खाली हाथ लौटना पड़ा।