Patna:प्रशांत किशोर (पीके) की गिरफ्तारी के मामले में नया मोड़ सामने आया है। सिविल कोर्ट ने उन्हें 25 हजार रुपये के मुचलके पर जमानत देने का फैसला किया था, लेकिन पीके ने बेल बॉन्ड भरने से इनकार कर दिया। इसके बाद उन्हें 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है।
प्रशांत किशोर को गिरफ्तार कर पुलिस ने आज कोर्ट में पेश किया था। सुनवाई के दौरान कोर्ट ने उन्हें सशर्त जमानत देने की बात कही। कोर्ट ने निर्देश दिया कि पीके को 25 हजार रुपये के पीआर बॉन्ड के साथ जमानत मिल सकती है, जिसमें यह शर्त शामिल थी कि वे भविष्य में ऐसा कोई कार्य नहीं करेंगे जो कानून का उल्लंघन करे।
प्रशांत किशोर के वकील शिवानंद गिरी ने कोर्ट में इस शर्त पर आपत्ति जताई। वकील का कहना है कि बेल बॉन्ड भरने का मतलब होगा कि पीके ने अपने ऊपर लगे आरोपों को स्वीकार कर लिया है। इससे उनके भविष्य में किसी भी आंदोलन या प्रदर्शन की क्षमता पर असर पड़ सकता है।
पीके ने जज से बिना शर्त जमानत की मांग की, लेकिन कोर्ट ने इसे खारिज कर दिया। कोर्ट का कहना था कि एक बार जो फैसला सुना दिया गया, वही अंतिम होगा। पीके ने भी बेल बॉन्ड भरने से इनकार कर दिया।
प्रशांत किशोर ने यह स्पष्ट कर दिया है कि वे बिना शर्त जमानत पर ही रिहा होना चाहते हैं। उन्होंने जेल जाने पर भी आमरण अनशन जारी रखने की बात कही है।
पीके पर प्रतिबंधित क्षेत्र में प्रदर्शन करने और सरकारी कार्य में बाधा डालने का आरोप है। वकील ने बताया कि जब तक पीके बेल बॉन्ड नहीं भरते, उन्हें जेल में रहना होगा। वकील लगातार उन्हें समझाने की कोशिश कर रहे हैं कि वे जमानत की शर्तें मान लें, लेकिन पीके अपने फैसले पर अडिग हैं।यह मामला राजनीतिक और कानूनी दोनों स्तरों पर चर्चा का विषय बन गया है।