बिहार कैडर के आईएएस अधिकारी संजीव हंस को निलंबित कर दिया गया है। इस संबंध में कार्मिक मंत्रालय ने अनुमति प्रदान कर दी है। करीब छह महीने पहले नीतीश सरकार ने उन्हें उनके पद से हटा दिया था। वर्तमान में संजीव हंस जेल में हैं और प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा उन पर आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने और पद के दुरुपयोग के आरोप में भ्रष्टाचार की जांच की जा रही है।
बिहार सरकार ने छह महीने पहले ही संजीव हंस को भ्रष्टाचार और आय से अधिक संपत्ति के मामलों में फंसने के कारण उनके सभी पदों से मुक्त कर दिया था। उस समय वे ऊर्जा विभाग के प्रधान सचिव और बिहार स्टेट पावर होल्डिंग कंपनी के प्रबंध निदेशक के रूप में कार्यरत थे। अब उनके निलंबन की औपचारिक प्रक्रिया शुरू हो चुकी है।
पिछले महीने ईडी ने इस मामले में अदालत में करीब दो हजार पन्नों की सप्लीमेंट्री चार्जशीट दाखिल की। इसमें संजीव हंस के अलावा आरजेडी के पूर्व विधायक गुलाब यादव सहित कई अन्य लोगों को भी आरोपी बनाया गया है। चार्जशीट में बताया गया है कि 2018 से 2023 के बीच संजीव हंस ने बिहार और केंद्र सरकार के विभिन्न पदों पर रहते हुए भ्रष्ट आचरण के जरिए अवैध संपत्ति अर्जित की।