पटना:भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के बिहार प्रदेश कार्यालय, अटल सभागार में सोमवार को आयोजित ‘पसमांदा मिलन समारोह’ ने सामाजिक समरसता और समावेशी विकास की दिशा में एक नया अध्याय जोड़ा। इस समारोह में बिहार के विभिन्न हिस्सों से आए पसमांदा समाज के प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया और भाजपा के प्रति अपना विश्वास व्यक्त किया। कार्यक्रम में भाजपा प्रदेश अध्यक्ष डॉ. दिलीप जायसवाल और उप मुख्यमंत्री सम्राट चौधरी ने पसमांदा समाज के साथ संवाद स्थापित कर पार्टी की नीतियों और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ‘सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास और सबका प्रयास’ के सिद्धांत को रेखांकित किया।
डॉ. दिलीप जायसवाल ने अपने संबोधन में कहा कि भाजपा सभी धर्मों, समुदायों और वर्गों को साथ लेकर चलने में विश्वास रखती है। उन्होंने विपक्ष पर निशाना साधते हुए कहा कि मुस्लिम समुदाय के नाम पर वर्षों तक राजनीति की गई, लेकिन पसमांदा समाज को हमेशा हाशिए पर रखा गया। उन्होंने जोर देकर कहा कि भाजपा पसमांदा समाज को न केवल सम्मान देगी, बल्कि उनकी राजनीतिक और सामाजिक भागीदारी को भी सुनिश्चित करेगी।उप मुख्यमंत्री सम्राट चौधरी ने इस अवसर पर कहा कि एनडीए सरकार ने पसमांदा समाज को आरक्षण सहित कई कल्याणकारी योजनाओं का लाभ पहुंचाया है, जबकि विपक्ष ने केवल वोट बैंक की राजनीति की है। उन्होंने भरोसा दिलाया कि भाजपा पसमांदा समाज के उत्थान के लिए प्रतिबद्ध है।
भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता दानिश इक़बाल ने अपने सोशल मीडिया पोस्ट के माध्यम से इस आयोजन की जानकारी साझा की। उन्होंने बताया कि पूरे बिहार से आए पसमांदा समाज के प्रतिनिधियों ने इस समारोह में उत्साहपूर्वक भाग लिया और भाजपा के प्रति अपना समर्थन जताया। कार्यक्रम में बड़ी संख्या में पसमांदा समाज के लोगों ने भाजपा की सदस्यता भी ग्रहण की।
इस अवसर पर भाजपा अल्पसंख्यक मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष मोहम्मद कमरूजमा अंसारी, प्रदेश मीडिया प्रभारी दानिश इकबाल, अल्पसंख्यक मोर्चा के राष्ट्रीय मीडिया सह-प्रभारी नूर आलम, गुलाम सरवर अंसारी, सब्बीर पंवड़िया, इकबाल अंसारी, वसीम रजा जैसे प्रमुख नेता उपस्थित थे।कार्यक्रम में यह भी बताया गया कि केंद्र और राज्य सरकार की योजनाएं, जैसे कि पीएम आवास योजना, मुद्रा योजना, जन धन योजना, और अन्य कल्याणकारी कार्यक्रम, पसमांदा समाज तक पहुंच रही हैं। भाजपा नेताओं ने दावा किया कि इन योजनाओं के माध्यम से पसमांदा समुदाय के आर्थिक और सामाजिक सशक्तिकरण को बढ़ावा दिया जा रहा है।
भाजपा ने इस समारोह के माध्यम से यह स्पष्ट किया कि पसमांदा समाज को राजनीतिक नेतृत्व प्रदान करना उनकी प्राथमिकता है। बिहार में मुस्लिम आबादी का लगभग 17.70% हिस्सा है, जिसमें 75-80% पसमांदा मुसलमान हैं। पार्टी ने इस समुदाय को मुख्यधारा की राजनीति में शामिल करने के लिए ठोस कदम उठाने का वादा किया है। डॉ. जायसवाल ने कहा कि पसमांदा समाज अब केवल लाभार्थी नहीं, बल्कि नेतृत्व की भूमिका में भी नजर आएगा।
यह समारोह ऐसे समय में आयोजित हुआ है, जब बिहार में वक्फ संशोधन बिल को लेकर सियासी हलचल तेज है। रविवार को पटना के गांधी मैदान में महागठबंधन ने इस बिल के खिलाफ एक बड़ी रैली का आयोजन किया था। जवाब में, भाजपा ने इस पसमांदा मिलन समारोह के जरिए मुस्लिम समुदाय, विशेष रूप से पसमांदा वर्ग, को अपने पक्ष में लाने की रणनीति अपनाई है।
पटना में आयोजित पसमांदा मिलन समारोह न केवल एक सामाजिक संवाद का मंच था, बल्कि यह भाजपा की उस रणनीति का हिस्सा है, जो पसमांदा मुसलमानों को सामाजिक, आर्थिक, और राजनीतिक रूप से सशक्त करने पर केंद्रित है। यह आयोजन बिहार विधानसभा चुनाव से पहले पसमांदा समाज को एकजुट करने और उनके बीच भाजपा का आधार मजबूत करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है।