पटना: बिहार विधानसभा चुनाव 2025 की तैयारियों के बीच द प्लुरल्स पार्टी (दया) की अध्यक्ष पुष्पम प्रिया चौधरी ने एनडीए (बीजेपी-जेडीयू) और महागठबंधन (राजद-कांग्रेस) से टिकट बंटवारे में 50% हिस्सेदारी महिलाओं को देने और महिला मुख्यमंत्री उम्मीदवार घोषित करने की मांग की है। पटना के होटल मौर्या में आयोजित प्रेस वार्ता में उन्होंने कहा कि बिहार में महिलाओं की आबादी 50% है, फिर भी राजनीति में उनकी भागीदारी नगण्य है। उन्होंने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का हवाला देते हुए कहा कि जब पंचायतों और नगरीय प्रशासन में 50% सीटें महिलाओं के लिए आरक्षित हो सकती हैं, तो विधानसभा में भी ऐसा क्यों नहीं?
पुष्पम प्रिया ने जोर देकर कहा कि बिहार को अब एक महिला मुख्यमंत्री की जरूरत है, जो महिलाओं के सम्मान, सुरक्षा और उनके खिलाफ बढ़ते अपराधों को रोकने के लिए ठोस कदम उठाए। उन्होंने महागठबंधन की मातृ-शिशु सम्मान योजना का जिक्र करते हुए कहा कि एक महिला मुख्यमंत्री ही बेहतर समझ सकती है कि महिलाओं को कितनी आर्थिक सहायता दी जानी चाहिए। उन्होंने दावा किया कि 2020 के चुनाव में उनकी पार्टी ने 28% महिला उम्मीदवारों को टिकट देकर इतिहास रचा था, जबकि एनडीए ने 15% और महागठबंधन ने 10% महिलाओं को ही मैदान में उतारा। इस बार उनकी पार्टी 122 महिला उम्मीदवारों को टिकट देगी, जो देश के चुनावी इतिहास में नया कीर्तिमान स्थापित करेगा।
पुष्पम ने बताया कि उनकी पार्टी सभी 243 सीटों पर “सीटी” चुनाव चिह्न के साथ लड़ेगी, जिसे उन्होंने विकास, उद्योग, शिक्षा, कानून व्यवस्था और भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज के प्रतीक के रूप में प्रस्तुत किया। उन्होंने वादा किया कि उनकी सरकार बनने पर हर जिले में 3000 एकड़ का विशेष आर्थिक क्षेत्र स्थापित होगा, जिससे बिहार में उद्योग-धंधों को बढ़ावा मिलेगा। दया के महासचिव अनुपम कुमार सुमन ने कहा कि पार्टी ने 20,000 बूथों पर संगठन तैयार कर लिया है और 80,000 बूथों तक पहुंचने का लक्ष्य है। पार्टी आपराधिक पृष्ठभूमि वाले उम्मीदवारों को टिकट नहीं देगी और 100 सीटों पर विशेष तैयारी कर रही है।