पटना। भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी की बिहार की सभी 38 जिलों में मजबूत जनाधार है। पार्टी की राज्य कार्यकारिणी ने अपनी मजबूत 24 सीटों को चिह्नित कर सूची इंडिया गठबंधन समन्वय समिति के संयोजक व मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार तेजस्वी प्रसाद यादव को सौपीं है, लेकिन पार्टी के जिला और राज्य सम्मेलन में कुछ और सीटों को चिन्हित कर चुनाव लड़ने का फैसला लिया गया है। इसी के मद्देनजर भाकपा अपनी दूसरी सूची भी गठबंधन के संयोजक तेजस्वी प्रसाद यादव को सौपने का निर्णय लिया है। एनडीए को सत्ता से हटाने के लिए महागठबंधन में शामिल बड़े दलों को लोकसभा चुनाव से सबक लेते हुए बड़े दिल दिखाना होगा।भाकपा राज्य सचिव रामनरेश पाण्डेय ने कहा कि हमारी पार्टी को 2020 के बिहार विधानसभा चुनाव में सम्मानजनक सीटें नहीं मिली थी। हमारा सभी 38 जिलों में मजबूत जनाधार है। इसलिए 2025 के चुनाव में भाकपा को सम्मानजनक सीटें मिलनी चाहिए ताकि सम्पूर्ण बिहार में बेहतर वातावरण बने और जीत सुनिश्चिित हो सकें।
भाकपा राज्य सचिव रामनरेश पाण्डेय ने कहा कि सभी क्षेत्र में बिहार विधानसभा चुनाव की तैयारी चल रही है। पार्टी के शाखा से लेकर जिला सम्मेलन तक में बिहार विधानसभा चुनाव की योजना बनी है। उन्होंने कहा की भाजपा-आरएसएस की ओर से एक गंभीर खतरा पैदा किया जा रहा है। संविधान के बुनियादी आदर्शों और लोकतांत्रिक मूल्यों, धर्मनिरपेक्षता, संघवाद, अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता, आर्थिक राजनीतिक, सामाजिक समानता पर निर्मम हमले हो रहे है। धार्मिक सहिष्णुता पर चोट की जा रही है। सांप्रदायिक हिंसा और तनाव को पैदा किया जा रहा है। विपक्ष की आवाज दबाने के लिए तरह-तरह के गलत हथकंडे अपनाये जा रहे हैं। इस सबकों देखते हुए भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी मानती है कि भाजपा को सत्ता से हटाना, चाहे वह केन्द्र की सत्ता हो या राज्य की वक्त की मांग है। एनडीए को सत्ता से हटाने के लिए एक व्यापक वामपंथी, जनवादी और धर्मनिरपेक्ष दलों और शक्तियों की एकता आवश्यक हैं। भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी लगातार ‘बदलो सरकार बचाओ बिहार’ नारे के साथ स्वतंत्र पहलकदमी करते हुए राजनीतिक अभियान चला रही है। अभियान का मुख्य मकसद एनडीए की जगह महागठबंधन की सरकार बनाना है।

