मिलावट पर बड़ी कार्रवाई, करोड़ों के सामान जब्त
उत्तर प्रदेश सरकार ने दीपावली से पहले प्रदेश में मिलावटखोरों के खिलाफ राज्यव्यापी अभियान चलाकर बड़ा कदम उठाया है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर फूड सेफ्टी विभाग ने अब तक ₹8 करोड़ से अधिक मूल्य की मिलावटी और नकली खाद्य वस्तुएँ जब्त कर नष्ट की हैं।
यह कार्रवाई विशेष रूप से त्योहारी सीजन को देखते हुए की गई, जब मिठाइयों, तेलों, मसालों और दूध जैसे उत्पादों की मांग में तेजी आती है और मिलावट का खतरा बढ़ जाता है। लखनऊ, कानपुर, वाराणसी, मेरठ और नोएडा समेत कई जिलों में फूड सेफ्टी टीमों ने छापेमारी की, जिसमें कई प्रतिष्ठानों से मिलावटी घी, नकली मिठाई और संदिग्ध मसाले जब्त किए गए।
कई जिलों में छापेमारी, सैंपल जांच के आदेश
फूड सेफ्टी विभाग के अधिकारियों ने बताया कि प्रदेश के विभिन्न जिलों में अब तक 300 से अधिक दुकानों और कारखानों पर छापेमारी की जा चुकी है। जांच के दौरान मिले संदिग्ध नमूनों को लैब में भेजा गया है, जिनकी रिपोर्ट आने के बाद संबंधित दोषियों के खिलाफ कड़ी कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
सरकार ने साफ किया है कि किसी भी व्यापारी या निर्माता को त्योहार के नाम पर जनता के स्वास्थ्य से खिलवाड़ करने की अनुमति नहीं दी जाएगी। अधिकारियों ने चेतावनी दी है कि जो भी व्यापारी या फैक्ट्री मालिक खाद्य सुरक्षा अधिनियम (FSSA 2006) का उल्लंघन करते पाए जाएंगे, उनके खिलाफ तत्काल मुकदमा दर्ज होगा।
जनता से अपील — “सतर्क रहें, मिलावट की सूचना तुरंत दें”
सरकार ने नागरिकों से अपील की है कि वे खरीदारी के दौरान सतर्क रहें और किसी भी संदिग्ध खाद्य पदार्थ की जानकारी फूड सेफ्टी हेल्पलाइन या स्थानीय प्रशासन को तुरंत दें। फूड सेफ्टी कमिश्नर ने बताया कि यह अभियान दीपावली के बाद भी जारी रहेगा ताकि राज्य में खाद्य सुरक्षा और जनस्वास्थ्य सुनिश्चित किया जा सके।
सरकार का कहना है कि “मिलावट के खिलाफ यह लड़ाई केवल प्रशासन की नहीं, बल्कि समाज के हर नागरिक की जिम्मेदारी है।” इस सख्त कार्रवाई से राज्यभर में मिलावटखोरों में हड़कंप मच गया है, जबकि आम जनता ने सरकार के इस कदम की सराहना की है।
उत्तर प्रदेश में मिलावट के खिलाफ चलाए जा रहे इस विशेष अभियान से स्पष्ट है कि योगी सरकार खाद्य सुरक्षा के मुद्दे पर शून्य सहिष्णुता नीति अपना रही है। यदि यह मुहिम लगातार जारी रही, तो राज्य में न केवल मिलावट पर अंकुश लगेगा बल्कि उपभोक्ताओं का विश्वास भी और मजबूत होगा।

