कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धरमैया ने सोमवार को विपक्षी भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के उन आरोपों को सिरे से नकार दिया जिनमें कहा गया था कि राज्य सरकार आगामी बिहार विधानसभा चुनाव 2025 में कांग्रेस पार्टी को आर्थिक मदद मुहैया करा रही है। मुख्यमंत्री ने इन दावों को “झूठ और राजनीतिक प्रचार” करार दिया।
सिद्धरमैया ने कहा कि उनकी सरकार पारदर्शिता के सिद्धांतों पर चल रही है और किसी भी अन्य राज्य के चुनाव में कर्नाटक की जनता का पैसा खर्च नहीं किया जा सकता। उन्होंने मीडिया से बातचीत में कहा, “हमने कर्नाटक से किसी भी राज्य के चुनाव में पाँच पैसे भी नहीं भेजे हैं, बिहार को भी नहीं दे रहे हैं।”
मुख्यमंत्री ने भाजपा पर पलटवार करते हुए कहा कि जब वे सत्ता में थे, तब ऐसे काम उन्हीं की पार्टी करती थी। अब वही लोग बिना सबूत के कांग्रेस सरकार पर आरोप लगा रहे हैं।
उन्होंने साथ ही राज्य सरकार द्वारा लिए गए उस फैसले का भी बचाव किया, जिसमें निजी संगठनों के सार्वजनिक परिसरों के उपयोग के लिए पूर्व अनुमति लेना अनिवार्य किया गया है। सिद्धरमैया ने स्पष्ट किया कि इस आदेश का उद्देश्य किसी विशेष संगठन, जैसे राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) को निशाना बनाना नहीं है, बल्कि यह निर्णय पूर्ववर्ती भाजपा सरकार की नीति का विस्तार मात्र है।
उन्होंने कहा, “सरकारी परिसरों के उपयोग के लिए अनुमति देना स्थानीय प्रशासन की कानून-व्यवस्था की स्थिति पर निर्भर करेगा। इसका मतलब यह नहीं कि हर किसी को स्वीकृति दी ही जाएगी।”
भाजपा सांसद बी.वाई. राघवेंद्र और जगदीश शेट्टार ने आरोप लगाया था कि सिद्धरमैया सरकार बिहार चुनाव में कांग्रेस के लिए धन जुटाने में शामिल है, जिससे राज्य में भ्रष्टाचार बढ़ा है। मुख्यमंत्री ने इन दावों को बेबुनियाद बताते हुए कहा कि भाजपा झूठ फैलाकर जनता को भ्रमित करने का प्रयास कर रही है।