बिहार विधानसभा चुनाव 2025 का सियासी रण अब अपने चरम पर है। सीमावर्ती ज़िले सीतामढ़ी में इस बार मुकाबला बेहद दिलचस्प हो गया है। निर्वाचन आयोग द्वारा जारी आंकड़ों के मुताबिक, जिले की छह विधानसभा सीटों पर कुल 106 उम्मीदवार चुनावी मैदान में हैं। इनमें एनडीए (NDA), इंडिया गठबंधन (INDIA Alliance) और निर्दलीय प्रत्याशी शामिल हैं।
हर सीट पर रोचक मुकाबला
सीतामढ़ी विधानसभा सीट पर इस बार भाजपा (BJP) और राजद (RJD) के बीच सीधी टक्कर मानी जा रही है। कांग्रेस और लोजपा (रामविलास) के प्रत्याशियों ने भी ताल ठोकी है, जिससे वोटों के बिखराव की संभावना बढ़ गई है।बाजपट्टी सीट पर रामेश्वर कुमार महतो (RLM) ने चुनावी मैदान में उतरकर मुकाबले को त्रिकोणीय बना दिया है। यहां जेडीयू (JDU) और राजद दोनों पार्टियों के लिए यह सीट प्रतिष्ठा की बन चुकी है।परिहार सीट पर एनडीए और इंडिया गठबंधन के बीच पारंपरिक संघर्ष जारी है। वहीं, रून्नीसैदपुर, बथनाहा और सुरसंड सीटों पर भी नए चेहरों और पुराने नेताओं के बीच कांटे की टक्कर देखने को मिल रही है।
मतदाताओं की भूमिका होगी अहम
विशेषज्ञों का मानना है कि इस बार युवाओं और पहली बार वोट डालने वाले मतदाताओं की भूमिका निर्णायक हो सकती है। स्थानीय मुद्दों में विकास, सड़क, रोजगार, शिक्षा और बाढ़ राहत प्रमुख विषय बने हुए हैं।
महिला मतदाताओं की बढ़ती संख्या ने भी सभी दलों को नई रणनीति अपनाने पर मजबूर किया है।
आंकड़ों में सीतामढ़ी
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कुल उम्मीदवार: 106
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विधानसभा सीटें: 6
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निर्दलीय प्रत्याशी: 25+
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मुख्य गठबंधन: NDA बनाम INDIA
राजनीतिक विश्लेषण
राजनीतिक जानकारों के अनुसार, इस बार सीतामढ़ी में त्रिकोणीय मुकाबले की स्थिति बन रही है। कई सीटों पर जातीय समीकरण और स्थानीय विकास के मुद्दे वोटरों के रुख को प्रभावित कर सकते हैं। एनडीए अपने शासनकाल के विकास कार्यों पर भरोसा जता रही है, जबकि इंडिया गठबंधन जनता से बदलाव की अपील कर रहा है।