लखनऊ, : दिवाली के मौके पर समाजवादी पार्टी (SP) अध्यक्ष अखिलेश यादव के एक बयान ने सियासी तापमान बढ़ा दिया है। अखिलेश के कथन पर जहां विपक्षी दलों ने समर्थन जताया, वहीं मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इसे “राष्ट्र-विरोधी सोच को बढ़ावा देने वाला” बताया। अखिलेश यादव ने अपने संदेश में कहा था कि “त्योहार मनाते वक्त हमें सामाजिक समानता और सबके अधिकारों का सम्मान नहीं भूलना चाहिए”, जिसे भाजपा ने हिंदू आस्था पर टिप्पणी के रूप में पेश किया।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने तीखा पलटवार करते हुए कहा कि “कुछ लोग बार-बार समाज को बांटने और राष्ट्र की एकता को कमजोर करने की कोशिश करते हैं। ऐसे राष्ट्र तोड़क तत्वों से सावधान रहने की जरूरत है।” उन्होंने कहा कि दिवाली जैसे पर्व एकता, श्रद्धा और विश्वास के प्रतीक हैं, और इन्हें राजनीति से जोड़ना दुर्भाग्यपूर्ण है।
इस बयानबाज़ी के बाद उत्तर प्रदेश की राजनीति में नए सिरे से गर्मी बढ़ गई है। भाजपा नेता अखिलेश यादव पर धार्मिक भावनाओं से खिलवाड़ का आरोप लगा रहे हैं, जबकि सपा का कहना है कि भाजपा मुद्दों से भटकाने के लिए ऐसे बयानों को तोड़-मरोड़ कर पेश कर रही है। अब देखना यह है कि यह विवाद चुनावी माहौल में किस तरह का असर डालता है।